अयोध्या: मंदिर के 200 फीट नीचे डाला जाएगा टाइम कैप्सूल, ताकि सुरक्षित रहे इतिहास

भविष्य में मंदिर के इतिहास को लेकर किसी तरह का कोई विवाद न हो

अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का बहुप्रतीक्षित समय आ पहुंचा है। श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, लेकिन इस पल के मंदिर निर्माण से जुड़े लोगों को लम्बी लड़ाई लड़नी पड़ी। वर्षों कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने के बाद कहीं जाकर श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का रास्ता सुगम हो सका है। भविष्य में कभी ऐसी परिस्थितियों को सामना न करना पड़े इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट अब राम मंदिर निर्माण स्थल पर जमीन में लगभग 200 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखेगा। इसका मकसद यह है कि सालों बाद भी यदि कोई श्रीराम जन्मभूमि के बारे में जानना चाहे तो वो इससे जान सकता है। श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के समय एक नया तरीका प्रयोग में लाया जाएगा, जिससे भविष्य में मंदिर के इतिहास को लेकर किसी तरह का कोई विवाद न हो। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार राम जन्मभूमि के इतिहास को सिद्ध करने के लिए जितनी लंबी लड़ाई कोर्ट में लड़नी पड़ी है, उससे यह बात सामने आई है कि अब जो मंदिर बनवाएंगे, उसमें एक ‘टाइम कैप्सूल’ बनाकर दो हजार फीट नीचे डाला जाएगा। भविष्य में जब कोई भी इतिहास देखना चाहेगा तो श्रीराम जन्मभूमि के संघर्ष के इतिहास के साथ यह तथ्य भी निकल कर आएगा, जिससे कोई भी विवाद जन्म ही नहीं लेगा।

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