मंत्री स्वाति सिंह का टिकट कटा, विधानसभा अध्यक्ष को भी फिर नहीं मिला मौका
लखनऊ । भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 17 और प्रत्याशियों की सूची जारी करने के साथ ही लखनऊ की नौ विधानसभा सीटों को लेकर चल रही सभी अटकलों को विराम लगा दिया। पति-पत्नी की लड़ाई में जहां महिला कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह का सरोजनीनगर से टिकट कट गया है वहीं पार्टी ने ज्यादा उम्र के चलते विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित को भी फिर भगवंतनगर से चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया है। मंत्री आशुतोष टंडन गोपाल और चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय पर विश्वास जताते हुए पार्टी ने दोनों को उनकी पुरानी सीट से ही चुनाव लड़ाने का निर्णय किया है। आशुतोष लखनऊ पूर्व और चन्द्रिका चित्रकूट से विधायक हैं। लखनऊ कैंट से विधायक सुरेश तिवारी और बक्शी का तालाब से अविनाश त्रिवेदी का टिकट काट दिया गया है। 17 प्रत्याशियों की सूची में दलबदलुओं को भी जगह दी गई है।योगी सरकार में मंत्री स्वाति व उनके पति भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह के बीच चल रही आपसी खींचतान का आखिरकार दंपती को ही नुकसान उठाना पड़ा है। स्वाति व दयाशंकर दोनों ही सरोजनीनगर सीट से अपनी-अपनी दावेदारी कर रहे थे। बीते दिनों स्वाती का एक आडियो भी वायरल हो गया था, जिसमें दंपती के बीच रिश्तों में खटास खुलकर सामने आ गई थी। इसके बाद से ही स्वाति का टिकट कटने की चर्चा थी। पार्टी ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए अंतत: दोनों में से किसी को भी टिकट न देने का निर्णय किया। एक दिन पूर्व ही ईडी लखनऊ के ज्वाइंट डायरेक्टर के पद से वीआरएस लेने वाले राजेश्वर सिंह को भाजपा ने सरोजनीनगर सीट से प्रत्याशी बनाया है।लखनऊ की बहुचर्चित कैंट सीट से पार्टी ने अब कानून मंत्री ब्रजेश पाठक को चुनाव लड़ाने का निर्णय किया है। ब्रजेश अभी लखनऊ मध्य से विधायक हैं। ब्रजेश की घोषणा के साथ ही कैंट सीट से भाजपा सांसद डा. रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी और सपा छोड़कर भागवा दल में आईं मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव की दावेदारी को लेकर चल रही चर्चाएं भी खत्म हो गईं। सांसद बनने से पहले रीता जोशी इसी सीट से विधायक थी। उपचुनाव में कैंट सीट से विधायक बने सुरेश तिवारी का टिकट पार्टी ने काट दिया है। अब लखनऊ मध्य सीट से नगर निगम में उपाध्यक्ष रजनीश गुप्ता प्रत्याशी बनाए गए हैं।