कपड़ा पर 12 की जगह 5 फीसद ही लगेगा जीएसटी
नई दिल्ली। तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों द्वारा कपड़ा पर जीएसटी दर बढ़ाने के कदम का विरोध किए जाने के बाद जीएसटी परिषद ने शुक्रवार को कपड़ा पर कर की दर बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने के फैसले पर रोक लगाने का फैसला किया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में और राज्य के समकक्षों की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 46 वीं बैठक ने अपनी अगली बैठक में इस मुद्दे पर और विचार करने का निर्णय लिया है। मौजूदा समय में मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) पर कर की दर 18 प्रतिशत, एमएमएफ यार्न पर 12 प्रतिशत है, जबकि कपड़े पर 5 प्रतिशत कर लगता है।परिषद ने 17 सितंबर को अपनी पिछली बैठक में फुटवियर और कपड़ा क्षेत्रों में शुल्क ढांचे को ठीक करने का फैसला किया था। 1 जनवरी, 2022 से सभी फुटवियर पर 12 फीसद जीएसटी लगेगा, चाहे कीमत कुछ भी हो। यह भी निर्णय लिया गया कि रेडीमेड कपड़ों सहित कपास को छोड़कर कपड़ा उत्पादों पर 12 प्रतिशत समान जीएसटी दर लागू होगी।गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, राजस्थान और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने कहा है कि वे 1 जनवरी से कपड़ा पर वस्तु एवं सेवा कर की दर को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने के पक्ष में नहीं हैं। बंगाल के मुख्यमंत्री के सलाहकार अमित मित्रा ने पहले केंद्र से कपड़ा पर प्रस्तावित कर की दर में बढ़ोतरी को वापस लेने का आग्रह करते हुए कहा था कि इससे लगभग 1 लाख कपड़ा इकाइयां बंद हो जाएंगी और 15 लाख नौकरियां चली जाएंगी।