डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां करोड़पति बनने का सपना नहीं बेच सकेंगी
नई दिल्ली। डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां अब पिरामिड योजनाएं नहीं चला सकेंगी। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने ऐसी कंपनियों के लिए नए नियम अधिसूचित करते हुए उन्हें नकद प्रसार योजनाओं को भी बढ़ावा देने से रोक दिया। एमवे, टप्परवेयर व ओरिफ्लेम जैसी कंपनियों को अब 90 दिनों के भीतर नए नियमों का अनुपालन करना होगा। डायेरक्ट सेलिंग कंपनियों को अपने विक्रेताओं द्वारा बेचे गए उत्पादों एवं सेवाओं को लेकर आने वाली शिकायतों के लिए भी जवाबदेह बनाया जाएगा। नई दिल्ली, प्रेट्र। डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां अब पिरामिड योजनाएं नहीं चला सकेंगी। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने ऐसी कंपनियों के लिए नए नियम अधिसूचित करते हुए उन्हें नकद प्रसार योजनाओं को भी बढ़ावा देने से रोक दिया। एमवे, टप्परवेयर व ओरिफ्लेम जैसी कंपनियों को अब 90 दिनों के भीतर नए नियमों का अनुपालन करना होगा। डायेरक्ट सेलिंग कंपनियों को अपने विक्रेताओं द्वारा बेचे गए उत्पादों एवं सेवाओं को लेकर आने वाली शिकायतों के लिए भी जवाबदेह बनाया जाएगा। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि डायरेक्ट सेलिंग उद्योग के लिए पहली बार नियम-कानूनों को उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय के तहत अधिसूचित किया गया है। अगर उन्होंने कानून का उल्लंघन किया, तो कानून के तहत उन्हें दंड दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिरामिड योजनाएं चला रहीं कंपनियां लोगों को खुद से जोड़ने के लिए तरह-तरह के सपने दिखाती हैं। संभावित ग्राहकों को कागजों पर बताया जाता है कि अगर उन्होंने चार या पांच लोगों को अपने साथ जोड़ा, उन पांच लोगों ने अपने साथ 25 लोगों को शामिल किया तो चेन लंबी होती जाएगी। यह चेन जितनी लंबी होगी, ऊपर पहुंच रहे ग्राहकों की कमाई भी उसी तरह बढ़ती रहेगी।पिरामिड योजनाओं के तहत किसी व्यक्ति की नियुक्ति यह लालच देते हुए की जाती है कि अगर वह अपने नीचे और लोगों को जोड़ता जाएगा तो उसकी कमाई बढ़ती जाएगी।- इसमें नियुक्त होने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती है और बहुत जल्द नई नियुक्तियों की संख्या लगभग खत्म हो जाती है। ऐसे में जो पिरामिड के निचले स्तर पर होता है उसकी कमाई काफी कम होती है या नहीं के बराबर होती है।- इसमें ज्वाइन करने में कई बार मोटा शुल्क लिया जाता है। इसमें ट्रेनिंग शुल्क, जरूरी किट और मेंबरशिप शुल्क जैसे मद शामिल होते हैं। डायरेक्ट सेलर को ग्राहक के पास जाने से पहले उसकी पूर्व अनुमति लेनी होगी- बिना पहचान पत्र के कोई डायरेक्ट सेलर किसी ग्राहक के पास नहीं जाएगा- विक्रेता अपने ग्राहक से ऐसा कोई वादा नहीं करेगा जो उसकी कंपनी पूरी नहीं कर पाए- विक्रेता को डायरेक्ट सेलिंग कंपनी से सामान या सेवा की बिक्री का लिखित कांट्रैक्ट करना होगा- विक्रेता अपने ग्राहक को डायरेक्ट सेलिंग कंपनी का नाम और पता बताएगा- विक्रेता अपने ग्राहक को बिक्री, भुगतान, रिफंड या उपयोग की शर्तो के बारे में विस्तार से बताएगा- विक्रेता यह सुनिश्चित करेगा कि ग्राहक को सही और वास्तविक सामान मिले- विक्रेता अपने ग्राहक की निजी सूचना कहीं भी अन्यत्र जाहिर नहीं होने देगा।