नवंबर में कोरोना से मौतें बढ़ीं, घाटी में आरटीपीसीआर टेस्टिंग में की गई बढ़ोतरी

जम्मू। जम्मू-कश्मीर में कोविड संक्रमित मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। इस वर्ष जुलाई के बाद नवंबर में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़ी है। प्रदेश प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार 20 जुलाई को सात संक्रमित मरीजों की मौत हुई, जिसके बाद इसमें कमी आई। लेकिन अब नवंबर से जैसे-जैसे संक्रमित मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, वैसे ही मौतें भी बढ़ने लगी हैं। घाटी में बीते 24 घंटों के दौरान तीन संक्र्रमित मरीजों की मौत हुई है। इनमें श्रीनगर, बारामुला और बांदीपोरा जिले में एक-एक मौत हुई है। पहली नंवबर को भी चार कोविड मरीजों ने दम तोड़ा था। जबकि अगस्त, सितंबर और अक्तूबर में औसतन यह संख्या प्रतिदिन एक या दो के बीच दर्ज की जा रही थी। बढ़ते मामलों पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने अधिक टेस्टिंग और बूस्टर डोज पर जोर दिया है। जिला प्रशासन ने श्रीनगर के कई अस्पतालों में आरटीपीसीआर टेस्टिंग दोबारा से शुरू की है। पीजीआई चंडीगड़ द्वारा अब श्रीनगर में स्थित जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल अस्पताल को भी आरटीपीसीआर टेस्ट करने की अनुमति दी है। इसके साथ अब बूस्टर डोज लगाने पर भी जोर दिया जा रहा है। 

जीएमसी श्रीनगर के एचओडी कम्यूनिटी मेडिसन डॉ. मोहम्मद सलीम के अनुसार कोविड खुराक ले चुके लोगों में संक्रमण पाया जाना और उनमें एंटी बॉडी की कमी को देखकर केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग को बूस्टर डोज पॉलिसी लेकर आने की आवश्यकता है। बीते 24 घंटें में घाटी में सामने आए कोविड के 119 मामलों में से श्रीनगर से 42, बारामुला से 23, बडगाम से 19, कुपवाड़ा से 13, बांदीपोरा से सात, गांदरबल से आठ, पुलवामा से चार, अनंतनाग से दो, कुलगाम एक और शोपियां से कोई मामला नहीं है।

जम्मू-कश्मीर में कोविड से मौतों के उछाल ने स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। बीते कुछ समय से कोरोना से मरने वाले अधिकांश मरीजों ने कोविड की दोनों खुराक ले रखी थी। लेकिन उनमें अन्य शारीरिक समस्याओं के कारण बचाया नहीं जा सका। नई मौतों के मामले में अधिकांश की उम्र 45 से 75 के बीच है। कश्मीर में शनिवार दूसरे दिन भी तीन लोगों की कोरोना से मौत हो गई। यहां मौतों का औसतन आंकड़ा बढ़ रहा है। बीते 24 घंटों के भीतर प्रदेश में 149 नए संक्रमित मामले मिले हैं, जिसमें श्रीनगर से सर्वाधिक 42 मामले हैं। कश्मीर के कई जिलों में सामुदायिक स्तर पर संक्रमण का प्रसार कायम है। जिला जम्मू में नौ लोग संक्रमित हुए हैं। जीएमसी के माइक्रोबायोलाजी विभाग के सोसिएट प्रोफेसर डॉ. संदीप डोगरा के अनुसार यह जरूरी नहीं कि कोविड टीके की दोनों खुराक लेने वाले को संक्रमण नहीं होगा, लेकिन उन पर संक्रमण का प्रभाव कम रहेगा। जिन लोगों ने एक बार टीकाकरण करवाया है, उन्हें निर्धारित समय पर दूसरी खुराक जरूर लगवानी चाहिए। अब तक जिन लोगों ने कोई टीकाकरण नहीं कराया है, वे खुद के साथ दूसरों के लिए संक्रमण के लिहाज से खतरा बन सकते हैं। दोनों डोज ले चुके हृदय, मधुमेह सहित अन्य गंभीर शारीरिक समस्या वाले लोगों को अधिक एहतियात बरतने की जरूरत है। अगर उन्हें संक्रमण होता है तो उनके किसी अहम अंग को ज्यादा नुकसान होने का खतरा रहता है। मौजूदा डेल्टा और डेल्टा प्लस म्यूटेशन अधिक प्रभावी हैं।

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