भारत और न्यूजीलैंड ने साइबर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की,साइबर क्राइम से लेकर सुरक्षा तक मिलकर करेंगे काम

भारत और न्यूजीलैंड ने साइबर सुरक्षा, साइबर अपराध और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में करीबी सहयोग के साथ काम करने पर बुधवार को सहमति व्यक्त की। विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, बुधवार को संपन्न दो दिवसीय डिजिटल वार्ता में दोनों देशों के बीच साइबर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया गया। बयान में कहा गया है कि भारत-न्यूजीलैंड द्विपक्षीय साइबर वार्ता के दूसरे संस्करण में साइबर क्षेत्र में वर्तमान सहयोग के विभिन्न आयामों पर चर्चा की गई तथा इसे और आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की गई।

बयान के मुताबिक, ‘साइबर वार्ता के दौरान दोनों देशों ने साइबर क्षेत्र में वर्तमान द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न आयामों पर चर्चा की और साइबर मुद्दे पर हालिया घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया तथा इस क्षेत्र में सहयोग और बढ़ाने की संभावनाओं पर विचार किया।’ दोनों पक्षों ने साइबर सुरक्षा, साइबर अपराध तथा क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में करीबी सहयोग के साथ काम करने पर सहमति व्यक्त की तथा आपसी हित से जुड़े विविध विषयों पर चर्चा की।

भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में साइबर कूटनीति पर संयुक्त सचिव अतुल मल्हारी गोटसुर्वे ने किया, जबकि न्यूजीलैंड के शिष्टमंडल का नेतृत्व वहां की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के निदेशक डान एटान ने किया।

उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) द्वारा 29 जून 2021 को शुरू किए गए वैश्विक साइबर सुरक्षा सूचकांक (जीसीआई) 2020 में भारत का 10वां स्थान रहा और उसके दर्जे में 37 स्थानों का सुधार हुआ।साइबर सुरक्षा के लिहाज से सूची में सबसे ऊपर अमेरिका है और उसके बाद ब्रिटेन तथा सऊदी अरब एक साथ दूसरे स्थान पर हैं, जबकि सूचकांक में तीसरे स्थान पर एस्टोनिया है। भारत एक वैश्विक आईटी महाशक्ति के रूप में उभर रहा है और डेटा गोपनीयता तथा नागरिक के ऑनलाइन अधिकारों की सुरक्षा के लिए दृढ़ उपायों के साथ अपनी डिजिटल संप्रभुता का दावा करता है।

 

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