सरकारी बीमा कंपनियों के बिजनेस को बड़ा नुकसान,निजी कंपनियों के मुकाबले बाजार में नहीं जमा पा रहीं पैर
वाहन बीमा श्रेणी में सुधार के बावजूद सार्वजानिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों की निजी कंपनियों के मुकाबले बाजार हिस्सेदारी इस साल अगस्त में घटकर 32.6 प्रतिशत रह गई। इससे बीते वर्ष के इसी महीने में यह 36.6 प्रतिशत थी। केयर रेटिंग्स के मासिक आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि निजी कंपनियों की मोटर बीमा श्रेणी में हिस्सेदारी अगस्त में बढ़कर 67.4 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले वर्ष के इसी महीने में 63.4 प्रतिशत थी। सार्वजानिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों की हिस्सेदारी में वित्त वर्ष 2017-18 से ही गिरावट जारी है। तब सरकारी कंपनियों की इस श्रेणी में हिस्सेदारी 46.5 प्रतिशत और निजी कंपनियों की हिस्सेदारी 53.5 प्रतिशत थी।
इसी तरह वित्त वर्ष 2017-18 में सार्वजानिक क्षेत्र की कंपनियों की मोटर ओडी (स्वयं की क्षति) बाजार में 37.5 प्रतिशत और निजी कंपनियों की 62.5 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जो वित्त वर्ष 2018-19 में क्रमश : 32.5 और 67.5 प्रतिशत हो गई। वहीं वित्त वर्ष 2019-20 में सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी घटकर 28.3 प्रतिशत और निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़कर 71.7 प्रतिशत हो गई।
वित्त वर्ष 2020-21 में सार्वजनिक कंपनियों की हिस्सेदारी 39.7 प्रतिशत और निजी कंपनियों की हिस्सेदारी 60.3 प्रतिशत थी। इस साल अगस्त में सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों की हिस्सेदारी घटकर 38.3 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी महीने में 42.3 प्रतिशत थी। दूसरी तरफ निजी कंपनियों की हिस्सेदारी इस दौरान क्रमश: 61.7 प्रतिशत और 57.7 प्रतिशत रही।
उद्योग के आंकड़ों के अनुसार मार्च 2019 तक देश में 23.12 करोड़ से अधिक वाहन सड़कों पर चल रहे थे, जिनमें से 57 प्रतिशत वाहनों का बीमा नहीं था। इसमें से सबसे अधिक 60 प्रतिशत दोपहिया वाहनों तथा दस प्रतिशत कारों का बीमा नहीं था।