मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव के लिए शिवराज ने संभाला भाजपा का मोर्चा

मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव की तारीख अभी घोषित नहीं हुई है, लेकिन उपचुनाव वाले क्षेत्र में भाजपा ने चुनावी बिगुल बजा दिया है। भाजपा और कांग्रेस से चेहरे तो शिवराज सिंह चौहान और कमल नाथ ही होंगे, लेकिन फिलहाल शिवराज ने चारों सीट पर दूसरे दौर का प्रचार अभियान प्रारंभ कर दिया है। कमल नाथ अब तक सक्रिय नहीं हो पाए हैं। भाजपा जहां ‘शिवराज सरकार, भरोसा बरकरार’ के भरोसे एक के बाद एक जन सभाएं कर नई-नई घोषणाएं कर रही है, वहीं कांग्रेस कमल नाथ सरकार के 15 महीनों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण का टि्वटर पर प्रचार तक खुद को सीमित किए हुए है।

लोकसभा की खंडवा और विधानपर फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन भाजपा के मिशन 2023 से पहले प्रदेश में संदेश गलत न जाए इसलिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। प्रदेश प्रभारी और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव पी. मुरलीधर राव और राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश जैसे दिग्गज चुनावी तैयारियों पर नजर रख रहे हैं। सारे मंत्रियों को चुनावी तैयारियों की जिम्मेदारी दे दी गई है। राशन कार्ड से लेकर बिजली बिल और अन्य जनसमस्याओं की समीक्षा करने का निर्देश मंत्रियों को दिया गया है।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी मंत्रियों को बुलाकर दो टूक निर्देश दिए कि 27 से सात अक्टूबर तक चलने वाले सुराज अभियान में जनता के बीच जाएं और उनकी हर समस्या को हल करें। भाजपा के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल कहते हैं कि केंद्र की मोदी सरकार प्रदेश की शिवराज सरकार की उपलब्धियों के आधार पर भाजपा चुनाव लड़ेगी। भाजपा हमेशा चुनाव के लिए तैयार रहती है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री (मीडिया) केके मिश्रा कहते हैं कि भाजपा भयभीत है, इसलिए बिना चुनाव घोषित हुए जनदर्शन जैसे आयोजन कर रही है। पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। जनता समझदार है, वह सब जानती है।

जनता से दूरी को बनाया मुद्दा

मुख्यमंत्री शिवराज उपचुनाव वाले इलाके में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ पर आरोप लगा रहे हैं कि वे ऐसे मुख्यमंत्री थे, जो जनता के बीच जाते ही नहीं थे। मैं जाता हूं तो उनको बुरा लगता है कि मुख्यमंत्री घूम रहा है। जनदर्शन कर रहा है। चौहान कहते हैं कि जनदर्शन नहीं करूं तो क्या कमल नाथ के दर्शन करूं। मैं जनता के बीच जाकर समस्याओं का समाधान कर रहा हूं और कमल नाथ बैठे-बैठे ट्वीट करते रहते हैं। दूसरी ओर, कमल नाथ उपचुनाव के लिए मैदानी जमावट के बजाय सर्वे और बैठकों तक ही सीमित हैं। अब तक उन्होंने चुनाव क्षेत्रों के दौरे शुरू नहीं किए हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि अब तक बारिश का माहौल था। कमल नाथ अक्टूबर से दौरे प्रारंभ करेंगे। हालांकि कांग्रेस 15 महीने के शासन को उपलब्धि भरा बताकर ओबीसी वर्ग को आरक्षण और किसान कर्ज माफी का मुद्दा उठाने की तैयारी में है। कांग्रेस का दावा है कि कमल नाथ सरकार ने ही ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण की कवायद शुरू की थी। कांग्रेस का ये भी दावा है कि यदि कमल नाथ की सरकार होती तो अब तक प्रदेश के सभी पात्र किसानों के ऋण माफ हो चुके होते।

पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने कहाभाजपा में समन्वय की कमी

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने माना है कि फिलहाल पार्टी में समन्वय की कमी है। खंडवा लोकसभा उपचुनाव के संदर्भ में उन्होंने यह बात कही। कहा कि नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद भाजपा के लिए खंडवा में परिस्थितियां बदली हैं। मुझे यह कहने में गुरेज नहीं है कि पार्टी को यहां बहुत मेहनत करनी पड़ेगी। उपचुनाव में यहां दिक्कत आ सकती है। हालांकि उन्होंने भरोसा जताया कि पार्टी 2023 से पहले समन्वय बना लेगी।

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