उत्तर प्रदेश ने कोरोना वैक्सीनेशन में बड़ा मुकाम किया हासिल, पढ़ें पूरी खबर

लखनऊ, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण को दोनों दौर में बचाव के कारण बड़े कहर से बचने वाले उत्तर प्रदेश ने कोरोना वैक्सीनेशन में भी बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। कोरोना वायरस के वैक्सीनेशन के मामले में उत्तर प्रदेश ने देश में इतनी बड़ी लकीर खींच दी है कि अन्य राज्य को इसके करीब आने में अभी काफी समय लगेगा।

उत्तर प्रदेश शनिवार को कोरोना वायरस से बचाव की वैक्सीन की दस करोड़ डोज का लक्ष्य हासिल करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बचाव के लिए ट्रैक, टेस्ट व ट्रीट फार्मूला के साथ ही साथ टीकाकरण का अभियान भी गति पर है। देश के अन्य राज्यों को मीलों पीछे छोड़ते हुए उत्तर प्रदेश ने शनिवार को टीकाकरण के दस करोड़ के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया। देश की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश अब वैक्सीन की सर्वाधिक डोज देने वाला राज्य भी बन गया है।

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दस करोड़ में से अब तक 8.16 करोड़ ने टीके की पहली और 1.82 करोड़ ने दूसरी डोज भी ली है। प्रदेश में अब प्रत्येक शनिवार को टीके की दूसरी डोज लगवाने वालों को प्राथमिकता दी जा रही है। कोविड टीकाकरण के लिए अर्ह प्रदेश की 54.12% आबादी ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। अब तक 8 करोड़ 14 लाख लोगों को टीके की पहली डोज लगाई जा चुकी है। इसी प्रकार, 01 करोड़ 82 लाख लोगों ने टीके की दोनों खुराक ले ली है।

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सीएम योगी आदित्यनाथ के मिशन मोड में उतरने के कारण प्रदेश के 75 में से 70 जिलों में अब दस से भी एक्टिव केस हैं। प्रदेश में कोरोना वायरस के अब कुल 189 एक्टिव केस हैं। सूबे के 63 जिलों में पांच से भी कम संक्रमित हैं। उत्तर प्रेदश में अब तक 7.73 करोड़ लोगों की कोरोना जांच कराई जा चुकी है। 24 घंटे में 2 लाख 15 हजार 209 सैम्पल की टेस्टिंग में 14 नए मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 26 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। प्रदेश में अब तक 16 लाख 86 हजार 694 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश के 30 जिलों में कोविड का एक भी एक्टिव केस नहीं है। अब तक 07 करोड़ 75 लाख 81 हजार 133 सैम्पल की कोविड जांच की जा चुकी है। यह देश के किसी एक राज्य में हुई सर्वाधिक टेस्टिंग है। औसतन हर दिन सवा दो लाख से ढाई लाख तक टेस्ट हो रहें हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 फीसदी से भी कम हो गई है और रिकवरी दर 98.7 फीसदी है।

 

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