West Bengal -संदेश खाली का जिहादी भाईजान जिसे ममता की तालिबानी सरकार बचा रही थी ;पहुंचा सलाखो के पीछे
West Bengal -भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर ‘एक बलात्कारी का बचाव’ करने और राज्य एजेंसियों का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया।जबरन वसूली, जमीन पर कब्जा और यौन उत्पीड़न मामलों के मुख्य आरोपी निलंबित तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता शेख शाहजहां को बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में सौंप दिया गया। इसके बाद सीबीआई शाहजहां को मेडिकल जांच के लिए जोका ईएसआई अस्पताल ले गई। बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद अपराध जांच विभाग ने शेख शाहजहां की हिरासत सीबीआई को सौंप दी।बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “सीबीआई शेख शाहजहां के साथ वैसा व्यवहार कर रही है, जैसा उसके साथ किया जाना चाहिए – एक अपराधी और न कि उस तरह जैसा कि बंगाल पुलिस ने उसके साथ व्यवहार किया, जैसे कि वह मुख्यमंत्री हो। एक बलात्कारी का बचाव करने और संदेशखाली के पीड़ितों को डराने-धमकाने के लिए राज्य सरकार की एजेंसियों का इस्तेमाल करने के लिए ममता बनर्जी को शर्म आनी चाहिए।”पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के एक गांव संदेशखाली को लेकर सूबे और देश में सियासी बवाल मचा हुआ है. यहां की महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख और अन्य नेताओं पर यौन शोषण यहां तक कि गैंगरेप तक के आरोप लगाए हैं. पीड़ित महिलाएं सामने आई हैं, तो बीजेपी ने इसे सियासी मुद्दा बना दिया है. इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए सुनवाई का आदेश दिया है.
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संदेशखाली में महिलाओं ने पिछले दिनों विरोध प्रदर्शन किया था. महिलाओं का आरोप है कि स्थानीय TMC नेता शाहजहां शेख और उनके गिरोह ने उनका बंदूक की नोक पर जबरन सालों तक यौन उत्पीड़न किया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि, शेख के साथियों ने आदिवासीयों की जमीन के बड़े हिस्से पर बलपूर्वक कब्जा भी कर लिया है. महिलायें प्रदर्शन करते हुए शाहजहां शेख को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग कर रही हैं.
आखिर कौन है शाहजहां शेख?
शाहजहां शेख 42 साल का है. शेख ने बांग्लादेश सीमा के पास उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली ब्लॉक में मछली पालक और ईंट भट्टों के मजदूर के तौर पर शुरुआत की थी. 2004 में शेख ने ईंट भट्टों के यूनियन के नेता के रूप में राजनीति में प्रवेश किया. साल 2012 में उसने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेतृत्व का ध्यान अपनी ओर खींचा. इसके बाद से प्रदेश की सत्ता के गलियारों में शेख का कद लगातार बढ़ा. 2018 में शेख ‘सरबेरिया अग्रहटी ग्राम पंचायत’ का उप प्रमुख बन सुर्खियों में आया. शेख राजनीति के साथ-साथ व्यापार में भी लगातार सक्रिय रहा है. यही वजह है कि उसे स्थानीय लोगों का समर्थन मिलता रहा है. जिसकी वजह से पार्टी में भी उसका प्रभुत्व बना हुआ है.”हाई कोर्ट के संज्ञान से एक दिन पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने भी संदेशखाली का दौरा किया था. तब उन्होंने कहा था कि, मैंने वहां आत्मा को झकझोर देने वाली चीखें सुनी हैं.”