भदोही: जमीन हड़पने के लिए व्यक्ति को दिखाया मृत, तत्कालीन नायब तहसीलदार समेत चार के खिलाफ केस दर्ज

भदोही। भदोही जिले की सुरयावा थानाक्षेत्र में एक जीवित व्यक्ति को दस्‍तावेजों में मृत घोषित कर उसकी जमीन पर दूसरे व्यक्ति का नाम दर्ज करने के मामले में तत्कालीन नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल समेत कुल चार लोगों के खिलाफ सोमवार को प्राथमिकी दर्ज की गयी है। पुलिस ने यह जानकारी दी।

सुरयावा के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) विपिन सिंह ने सोमवार को बताया कि इस मामले में ज्ञानपुर तहसील के तत्कालीन नायब तहसीलदार, तत्कालीन राजस्व निरीक्षक और पाली क्षेत्र के हल्का लेखपाल और इंद्रमणि (40) नामक एक व्‍यक्ति के खिलाफ पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा छल) 420 (धोखाधड़ी), 467 (जमीन हस्तांतरण के लिए कूटरचना), 468 (दस्तावेजों में हेराफेरी), 352(आपराधिक बल प्रयोग), 504 (जानबूझकर अपमान करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। उन्‍होंने बताया कि सभापति शुक्‍ल (82) की तहरीर पर दर्ज मामले की विवेचना की जा रही है।

पुलिस ने बताया कि पाली गांव के सभापति शुक्ल ने नौ नवम्बर 22 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) सबीहा खातून की अदालत में एक याचिका दाखिल की थी जिसके आधार पर इस 21अप्रैल को इस अदालत ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया और फिर सोमवार को मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। प्रभारी निरीक्षक के अनुसार सभापति शुक्ल को एक नवम्बर 2022 को यह पता चला कि उनकी खेत की ज़मीन को इंद्रमणि किसी को बेचने की बात कर रहा है और जब उन्होंने छानबीन की तब उन्हें पता चला कि उसने (इंद्रमणि ने) धोखे से जमीन अपने नाम करा ली थी।

पुलिस के अनुसार पूछने पर इंद्रमणि ने सभापति शुक्ल को मारने के लिए दौड़ाया और धमकी भी दी। पुलिस ने बताया कि सभापति ने ज्ञानपुर तहसील से जानकारी ली तो उन्हें यह भी पता चला कि सात साल पहले जुलाई 2015 में नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और लेखपाल ने मृत बताते हुए उनकी जमीन पर हर जगह इंद्रमणि का नाम दर्ज कर दिया है।

प्रभारी निरीक्षक ने बताया इस मामले में सभापति शुक्ल ने नौ नवम्बर 22 को अपने जीवित होने के सभी सबूत पेश करते हुए अपनी ज़मीन पर इंद्रमणि नाम के व्यक्ति का नाम दर्ज करने को आपराधिक मामला बताते हुए याचिका दाखिल की थी। भदोही की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सबीहा खातून ने चारो व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया, जिसके अनुपालन में यह कार्रवाई की गयी।

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