सीएम योगी आदित्यनाथ ने राम लला के गर्भगृह का किया शिलापूजन
श्री राम जन्मभूमि मंदिर भारत का राष्ट्र मंदिर होगा
लखनऊ । राम जन्मभूमि पर बन रहे भव्य राम मंदिर के दिव्य गर्भगृह का निर्माण कार्य का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने राम जन्मभूमि स्थल पर शिला पूजन अनुष्ठान कर भव्य गर्भगृह के निर्माण के लिए पहली शिला रखी। इस दौरान महंत नृत्य गोपाल दास, डिप्टी सीएम केशव मौर्य, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि मौजूद रहे।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, मुझे गर्भगृह का शिलापूजन करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य का शुभारंभ लगभग 2 वर्ष पहले प्रधानमंत्री मोदी के करकमलों से हुआ और सफलतापूर्वक ये निर्माण कार्य आगे बढ़ रहा है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का भव्य मंदिर अयोध्या धाम में बनकर देश और दुनिया के सभी सनातन हिन्दू धर्मावलंबियों की आस्था का प्रतीक तो बनेगा ही, श्री राम जन्मभूमि मंदिर भारत का राष्ट्र मंदिर होगा।बता दें कि पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम मंदिर के लिए भूमिपूजन किया था। मंदिर की नींव का काम पूरा हो चुका है और अब गर्भगृह निर्मित होने के साथ ही सांस्कृतिक अस्मिता के नवयुग का आरंभ होगा। यह दिन देखने के लिए रामभक्तों ने करीब पांच शताब्दी तक सुदीर्घ संघर्ष किया और पीढिय़ों ने बलिदान दिया।एक मार्च 1528 को मीर बाकी के तोप के गोलों से भव्य राम मंदिर के साथ वह केंद्रीय आगार भी ध्वस्त हो गया था, जहां रामलला विराजमान थे। रामलला तो अपने गर्भगृह से वंचित हुए ही और उस स्थल पर ध्वस्त मंदिर के मलबे से ही मस्जिद बना दी गई। रामजन्मभूमि के संघर्ष का इतिहास विवेचित करती पुस्तकों के अनुसार इसके बाद 76 युद्ध हुए और लाखों रामभक्तों ने बलिदान दिया।1859 में कुछ निहंग सिखों ने कुछ दिन के लिए रामजन्मभूमि वापस पाने में तो सफलता पाई, किंतु तब भी रामलला को उनकी भूमि पर स्थापित नहीं किया जा सका। 22-23 दिसंबर 1949 की रात चमत्कारिक घटनाक्रम के बीच रामलला का गर्भगृह में प्राकट्य तो हुआ, किंतु उनके सिर पर अस्मिता पर आघात की पर्याय वही इमारत थी, जिसका निर्माण मंदिर को मस्जिद की शक्ल देने के उद्देश्य से कराया गया था। छह दिसंबर 1992 को रामलला को विवादित इमारत के ध्वंस के बाद रामलला को 27 वर्ष तीन माह और 19 दिन बिना स्थायी छत के व्यतीत करने पड़े। 25 मार्च 2022 को रामलला को वैकल्पिक गर्भगृह मिला। तय कार्यक्रम के अनुसार रामलला भले दिसंबर 2023 तक मूल स्थान पर निर्मित गर्भगृह में विराजमान होंगे, किंतु बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों भव्य गर्भगृह के निर्माण की शुरुआत के साथ ही राम भक्तों का आह्लाद शिखर पर होगा।