कोरोना संक्रमित राज्यकर्मियों तथा परिवारजन पर सरकार मेहरबान, कर्मियों को मिलेगा एक माह का विशेष अवकाश
लखनऊ । देश में कोरोना वायरस संक्रमण की चौथी लहर के सक्रिय होने की आहट से पहले ही योगी आदित्यनाथ सरकार एक्टिव हो गई है। प्रदेश सरकार राज्य कर्मियों के साथ ही उन परिवारीजन को लेकर बेहद गंभीर है। सरकार ने बीते दो वर्ष में कोरोना वायरस से संक्रमित राज्यकर्मियों को एक महीने का विशेष अवकाश देने का फैसला किया है। इतना ही नहीं इन कर्मियों को परिवार के सदस्य के संक्रमित होने पर 21 दिन की छुट्टी मिलेगी। वित्त विभाग ने इसका आदेश भी जारी कर दिया है।बीते तीन वर्ष में कोरोना महामारी के कारण कार्यालय आने में असमर्थ रहे राजकीय कर्मचारियों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। कोविड-19 महामारी को वित्तीय हस्तपुस्तिका में संक्रामक बीमारी के रूप में सूचीबद्ध करते हुए सरकार ने कोविड-19 पाजिटिव पाये गए कर्मचारियों को अधिकतम एक माह की अवधि का विशेष आकस्मिक अवकाश स्वीकृत करने का फैसला किया है। विशेष आकस्मिक अवकाश की सुविधा कोरोना महामारी के शुरू होने से लेकर इसके समाप्त होने तक दी जाएगी। वित्त विभाग ने सोमवार को शासनादेश जारी कर दिया।कर्मचारी जिस मकान में रह रहा था, उसमें यदि उसके साथ रह रहे व्यक्ति को कोविड-19 संक्रमण हुआ हो तो उस पीडि़त व्यक्ति के कोरोना पाजिटिव होने की तारीख से संबंधित कर्मचारी को अधिकतम 21 दिन या पीडि़त व्यक्ति के निगेटिव होने तक के लिए विशेष आकस्मिक अवकाश मंजूर किया जाएगा। कर्मचारी के खुद कोरोना पाजिटिव होने या जिस मकान में वह रहता है, उसमें उसके साथ रहने वाले किसी व्यक्ति के भी कोविड संक्रमित होने पर कोविड जांच केंद्रों की रिपोर्ट प्रमाण के रूप में मानी जाएगी और उसी से विशेष अवकाश मिलेगा। आरटीपीसीआर निगेटिव होने पर भी अगर इलाज कोरोना के लक्षणों के कारण लंबा चला तो उन्हें भी एक माह का विशेष अवकाश मिलेगा। बशर्ते इलाज से संबंधित ब्लड रिपोर्ट व सीटी स्कैन में कोविड-19 संक्रमण पाये जाने का प्रमाणपत्र संबंधित मुख्य चिकित्साधिकारी का हो। कंटेनमेंट जोन में रहने वाले कर्मचारी को कंटेनमेंट जोन घोषित रहने तक की अवधि के लिए अवकाश मिलेगा। इसके लिए कार्यालयाध्यक्ष सक्षम प्राधिकारी होंगे। विशेष अवकाश स्वीकृत किये जाने के बाद भी यदि बीमारी के कारण कर्मचारी की अनुपस्थिति की अवधि शेष रह जाती है तो चिकित्सा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर चिकित्सा अवकाश स्वीकृत होगा। प्रमाणपत्र न होने पर भी बीमारी के कारणों या कमजोरी के आधार पर कार्यालय में अनुपस्थित रहने की सूचना दी है तो उन्हें उनके प्रार्थना पत्र के अनुसार उस अवधि के लिए अर्जित अवकाश या निजी कार्य के लिए अवकाश स्वीकृत किया जाएगा। जरूरत के मुताबिक विशेष आकस्मिक अवकाश एक से अधिक बार भी स्वीकृत किया जाएगा।ऐसे कर्मचारी जो कोरोना महामारी की अवधि में अन्य किसी भी बीमारी से पीडि़त हुए हों और महामारी के कारण वे चिकित्सक का परामर्श नहीं ले सके जिससे चिकित्सक का प्रमाणपत्र भी उपलब्ध न करा सके हों तो उन्हें इलाज करने वाले एलोपैथिक मेडिकल प्रैक्टिशनर के चिकित्सा प्रमाणपत्र के आधार पर अवकाश खाते में देय चिकित्सा या अर्जित या अन्य अवकाश स्वीकृत किया जाएगा।