उत्तर प्रदेश सरकार के सौ दिन के रोडमैप पर मंथन, आज मुख्यमंत्री के समक्ष पेश की जाएगी विभागों की कार्ययोजना
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की सत्ता लगातार दूसरी बार संभालने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद जुदा रूप में हैं। मंत्रिमंडल की शपथ के अगले ही दिन शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों के सौ दिन, छह महीने तथा साल भर का रोडमैप तैयार करने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री आज लोकभवन में सभी विभागों को तैयारी को परखने के साथ उनकी कार्ययोजना को भी देखेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल में सभी विभागों से अगले सौ दिन की कार्ययोजना बनवाई है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा मंगलवार को मुख्यमंत्री के समक्ष सभी विभागों की सौ दिन की कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण करेंगे। इस कार्ययोजना से ही सरकार के सौ दिन के रोडमैप पर मंथन भी होगा। सरकार का लक्ष्य नए वित्तीय वर्ष में हर दिन के कार्य का हिसाब भी रखने का है। सरकार का प्रयास उत्तर प्रदेश को सभी क्षेत्र में नंबर वन बनाने का है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही तय कर दिया है कि सरकार तय रोडमैप पर ही चलेगी। सबसे पहले सौ दिन के लक्ष्य तय किए जा रहे हैं। सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों के लिए सौ दिन की कार्ययोजना बनवा ली है। मुख्यमंत्री आज विभागवार कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण देखकर उसकी समीक्षा करेंगे। इस दौरान वह कार्ययोजना में कुछ जरूरी बिंदु उसमें शामिल कराकर मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के लिए लक्ष्य निर्धारित करेंगे।मंत्रिपरिषद के गठन के तुरंत बाद ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों और सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव-प्रमुख सचिवों को निर्देश दे दिया था कि सौ दिन, छह माह और प्रति वर्ष के हिसाब से पांच वर्ष की कार्ययोजना बना लें। इसके साथ ही सभी मंत्री अपने-अपने विभाग की अगले सौ दिन की कार्ययोजना बनवाने में जुट गए। सभी की काफी तैयारी हो चुकी है। सीएम योगी आदित्यनाथ खुद एक-एक विभाग की कार्ययोजना देखेंगे। वह कार्ययोजना की समीक्षा करेंगे कि अगले सौ दिन के लिए क्या-क्या काम निर्धारित किए हैं। एक-एक काम की उपयोगिता की जानकारी लेंगे और जरूरत के अनुसार उसमें संशोधन कराएंगे। मुख्यमंत्री कार्ययोजना के हिसाब से अगले सौ दिन के लिए मंत्री और अधिकारियों के लिए लक्ष्य भी तय करेंगे। उसी के आधार पर सौ दिन के बाद क्रमवार सभी के कामकाज की समीक्षा की जाएगी। कहीं किसी काम में देरी न हो, इसके लिए प्रत्येक जिले में प्रभारी मंत्री और नोडल अधिकारी के संयुक्त निरीक्षण का निर्देश वह पहले ही दे चुके हैं।उत्तर प्रदेश में किसी भी पार्टी की 37 वर्ष बाद लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी का रिकार्ड बना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही एक्शन मोड में हैं। शपथ ग्रहण के कुछ घंटे बाद ही मंत्रियों की बैठक बुलाकर अपनी रीति-नीति उन्होंने समझा दी थी। यह भी साफ कह दिया कि मंत्रियों के कामकाज में उनके परिवार का हस्तक्षेप न रहे और अधीनस्थों पर भी नजर रखें।