बिजली व्यवस्था बेहतर करने के लिए 4,165 करोड़ रुपये की स्वीकृति

लखनऊ । भारत सरकार ने मध्यांचल के उन्नीस जिलों में बिजली व्यवस्था और बेहतर करने के लिए 4,165 करोड़ रुपये की रिवैंपड सेक्टर स्कीम को स्वीकृति दे दी है। बिजली विभाग के इतिहास में यह बड़ा फैसला हुआ है। योजना के अंतर्गत पहले चरण में 81 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड लगाए जाएंगे। साथ ही बिजली चोरी बाहुल्‍य वाले क्षेत्रों में एरियल बंडल केबल (एबीसी) लगाए जाएंगे। इसके अलावा उपभोक्ता के घर होने वाले सर्विस कनेक्शन का तार आर्मड का इस्तेमाल होगा जो एक विशेष प्रकार का तार होता है। इस काम की स्वीकृति मिलते ही मध्यांचल, विधानपरिषद चुनाव के बाद टेंडर प्रकिया को गति देने का काम करेगा।योजना के अंतर्गत सबसे पहले बिजली विभाग अपनी लंबी लाइनों को दुरुस्त करेगा और उसका मजबूत विकल्प तलाश करेगा। इस प्रयास से लाइन लास जो पंद्रह फीसद के आसपास हैं, इसका ग्राफ शून्य करने की तैयारी है। वहीं बिजली का उपभोग करने से पहले अब उपभोक्ताओं को पहले अपना मीटर रिचार्ज कराना होगा। आगामी कुछ सालों में 81 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। अभी तक जो बिजली बिल के रूप में करोड़ों रुपये का राजस्व उपभोक्ताओं के पास बिल के रूप में फंसा रहता था, वह व्यवस्था खत्म हो जाएगी। रिवैम्पड सेक्टर स्कीम यानी बिजली व्यवस्था में सुधार को लेकर तीन चरण बनाए गए हैं। पहला मीटरिंग, फिर चोरी बाहुल्‍य क्षेत्रों में एबीसी लगाना है, इसके लिए धनराशि स्वीकृति भारत सरकार ने कर दी है। तीसरा चरण बाद में होगा। इस चरण के अंतर्गत बिजली उपकेंद्रों का आधुनिकीकरण होगा।
मध्यांचल के 19 जिलों के नाम : मध्यांचल के अंतर्गत आने वाले उन्नीस जिलों में लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर, बाराबंकी, श्रावस्ती, उन्नाव, हरदोई, बदायू, बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत, लखीमपुर, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, अमेठी और सुलतानपुर शामिल हैं।

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