अखिलेश यादव को बड़ा झटका दे सकते हैं शिवपाल यादव, भाजपा जाना लगभग तय ?

लखनऊ । प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के मुखिया शिवपाल यादव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर भतीजे अखिलेश यादव को झटका दे सकते हैं। शिवपाल सपा अध्यक्ष अखिलेश की उपेक्षा से नाराज चल रहे हैं। शिवपाल ने बुधवार को विधायक के रूप में शपथ ग्रहण की और मीडिया से बातचीत में कहा कि समय आने पर बताऊंगा।इस कारण वह मंगलवार को अखिलेश द्वारा बुलाई गई सहयोगी दलों की बैठक में भी शामिल नहीं हुए। सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों दिल्ली गए शिवपाल की भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात भी हो चुकी है। जल्द ही और नेताओं से भी मुलाकात के उनके कार्यक्रम हैं। चर्चा यह भी है कि भाजपा उन्हें राज्यसभा भेज सकती है।उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के कहने पर प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने सपा के साथ गठबंधन कर लिया था। उन्होंने अपना नेता अखिलेश को मानते हुए अपनी पार्टी तक कुर्बान कर दी थी। इसके बावजूद अखिलेश ने चाचा शिवपाल को न सिर्फ एक सीट दी बल्कि पार्टी में वह सम्मान भी नहीं दिया जिसकी उन्हें आस थी। शिवपाल ने अपनी पार्टी के कई नेताओं के नामों की सूची अखिलेश को टिकट देने के लिए सौंपी थी, किंतु इनमें से एक भी नेता को टिकट नहीं दिया गया। वह भी सपा के सिंबल साइकिल पर चुनाव लड़े। परिवार में एकता के नाम पर शिवपाल सब कुछ सहते रहे, जबकि सपा में उनकी उपेक्षा होती रही।शिवपाल यादव को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब सपा ने उन्हें अपना विधायक मानने से इनकार करते हुए 25 मार्च को विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया। बैठक में न बुलाए जाने पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा था कि वह सपा के सक्रिय सदस्य व विधायक हैं। उन्हें क्यों नहीं बुलाया गया इसका उत्तर सपा का राष्ट्रीय नेतृत्व ही दे सकता है।उन्होंने अगले कदम के बारे में कहा था कि अभी बहुत समय है जल्द ही आपको बताऊंगा। इसके बाद शिवपाल नाराज होकर इटावा चले गए थे। वहां पर उन्होंने सपा छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले सिरसागंज के पूर्व विधायक हरिओम यादव से भी मुलाकात की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि भाजपा प्रत्याशी हरिओम को चुनाव जीतना चाहिए था।इसके बाद इटावा से ही शिवपाल दिल्ली चले गए थे। उन्होंने वहां सपा मुखिया शिवपाल यादव से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार शिवपाल ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान भाजपा के शीर्ष नेताओं से भी मुलाकात की है। चर्चा यह है कि शीघ्र ही शिवपाल भाजपा का दामन थाम सकते हैं। उन्हें भाजपा राज्यसभा भी भेज सकती है।शिवपाल यादव को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब सपा ने उन्हें अपना विधायक मानने से इनकार करते हुए 25 मार्च को विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया। बैठक में न बुलाए जाने पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा था कि वह सपा के सक्रिय सदस्य व विधायक हैं। उन्हें क्यों नहीं बुलाया गया इसका उत्तर सपा का राष्ट्रीय नेतृत्व ही दे सकता है।उन्होंने अगले कदम के बारे में कहा था कि अभी बहुत समय है जल्द ही आपको बताऊंगा। इसके बाद शिवपाल नाराज होकर इटावा चले गए थे। वहां पर उन्होंने सपा छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले सिरसागंज के पूर्व विधायक हरिओम यादव से भी मुलाकात की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि भाजपा प्रत्याशी हरिओम को चुनाव जीतना चाहिए था।इसके बाद इटावा से ही शिवपाल दिल्ली चले गए थे। उन्होंने वहां सपा मुखिया शिवपाल यादव से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार शिवपाल ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान भाजपा के शीर्ष नेताओं से भी मुलाकात की है। चर्चा यह है कि शीघ्र ही शिवपाल भाजपा का दामन थाम सकते हैं। उन्हें भाजपा राज्यसभा भी भेज सकती है।

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