ऑपरेशन गंगा: मोदी खुद कर रहे निगरानी, भारतीयों की सकुशल वापसी के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों के प्रमुखों से की बात
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का आज सातवां दिन है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निगरानी में यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने का मिशन ‘ऑपरेशन गंगा’ भी जारी है। वहां फंसे भारतीयों की सकुशल वापसी के लिए प्रधानमंत्री मोदी हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेजेज डूडा, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल से फोन पर बात की है। इस बारे में भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर जानकार दी है। अपने बयान में मंत्रालय ने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने में पोलैंड द्वारा प्रदान की गई सहायता के लिए और यूक्रेन से पोलैंड जाने वाले भारतीय नागरिकों के लिए वीजा आवश्यकता में ढील देने के विशेष संकेत के लिए राष्ट्रपति डूडा को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस कठिन समय में पोलिश नागरिकों द्वारा भारतीय नागरिकों को दिए गए गर्मजोशी से स्वागत और सुविधा के लिए अपनी विशेष प्रशंसा व्यक्त की। दोनों देशों के बीच पारंपरिक मैत्रीपूर्ण संबंधों का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने 2001 में गुजरात भूकंप के मद्देनजर पोलैंड द्वारा दी गई सहायता को याद किया। उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान कई पोलिश परिवारों और युवा अनाथों को बचाने में जामनगर के महाराजा द्वारा निभाई गई अनुकरणीय भूमिका को भी याद किया।
फ्रांस के राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री ने की बात:
विदेश मंत्रालय ने बयान के जरिए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन संकट को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी बात की। दोनों नेताओं ने यूक्रेन की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने यूक्रेन में जारी शत्रुता और बिगड़ती मानवीय स्थिति पर अपनी चिंताओं को साझा किया। बयाना में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने शत्रुता को समाप्त करने और बातचीत और कूटनीति की वापसी के लिए भारत की लगातार अपील को दोहराया। उन्होंने भारत के इस विश्वास पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और सभी राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान समकालीन विश्व व्यवस्था का आधार है। बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों पक्षों के बीच वार्ता का स्वागत किया और सभी लोगों की मुक्त और निर्बाध मानवीय पहुंच और सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया। अपने बयान में मंत्रालय ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति मैक्रों को संघर्ष वाले क्षेत्रों से अपने नागरिकों को निकालने और प्रभावित आबादी के लिए दवाओं सहित तत्काल राहत सामग्री भेजने के लिए भारत के प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी।
यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल से मोदी ने की बात:
विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल से बात की और युद्ध प्रभावित यूक्रेन में बिगड़ती स्थिति और मानवीय संकट पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने शत्रुता को समाप्त करने और बातचीत की वापसी के लिए भारत की अपील को दोहराया। मंत्रालय के बयान के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि समकालीन वैश्विक व्यवस्था अंतर्राष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान पर आधारित है।
बयान में विदेश मंत्रालय ने बताया प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों की मुक्त और निर्बाध मानवीय पहुंच और सुचारु आवाजाही सुनिश्चित करने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने यूक्रेन को दवाओं सहित तत्काल राहत सामग्री भेजने के लिए भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया।ऑपरेशन गंगा के तहत 1377 भारतीय आए स्वदेश:
26 फरवरी से भारत द्वारा चलाए गए मिशन ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक 1377 भारतीयों को सकुशल स्वदेश वापस लाया जा चुका है। इस मिशन की निगरानी प्रधानमंत्री मोदी खुद कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने चार मंत्रियों को भारत का ‘विशेष दूत बनाकर यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा है। इन मंत्रियों में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह शामिल हैं। ये मंत्री यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों से बातचीत और उनको निकालने के प्रबंध करा रहे हैं।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)