इलाहाबाद हाई कोर्ट पूरी क्षमता से खुला
प्रयागराज । इलाहाबाद हाई कोर्ट प्रयागराज व लखनऊ पीठ पूरी क्षमता से कार्य करने लगा है। फोटो आइडी सेंटर व इंट्री पास काउंटर खोले दिए गए हैं। सभी वकीलों को गाउन सहित पूरे ड्रेस में आने को कहा गया है। हालांकि न्याय कक्ष में एक साथ 15 से अधिक वकील नहीं रहेंगे। बार एसोसिएशन के आइ कार्ड से वकीलों को परिसर में प्रवेश की अनुमति दी गई है। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के कारण इलाहाबाद हाई कोर्ट में अभी तक केवल उन्हीं वकीलों को अनुमति थी, जिनके केस लगे होते थे और उन्हें हाई कोर्ट से मैसेज दिया गया था। परिचय पत्र के साथ मुंशियो को भी परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दे दी गई है। केस लगे होने पर वादकारियों को भी पास के जरिए परिसर में प्रवेश की अनुमति दी गई है।सभी को मास्क पहनने सहित कोविड नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। इलाहाबाद हाई कोर्ट परिसर में पान, तंबाकू, गुटका आदि के सेवन को प्रतिबंधित किया गया है। थूकने पर दंडित किया जाएगा। परिसर की नियमित सफाई सेनेटाइजेशन किया जाएगा। जिन्होंने बिना हलफनामा के आश्वासन पर याचिका दायर की है, फोटो एफीडेविट सेंटर खुलने के 45 दिन के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है। इस आशय की अधिसूचना महानिबंधक आशीष गर्ग ने जारी की है।इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बिना कारण बताए पुलिस सब इंस्पेक्टर का मूल वेतन घटा देने के मामले में पुलिस कमिश्नर वाराणसी को नियमानुसार निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने दरोगा सुनील कुमार सिंह की याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता निर्भय कुमार भारती का तर्क था कि वित्तिय वर्ष 2021-22 में याची के मूल वेतन में बिना किसी कारण के कटौती की गई। याची को अप्रैल 2021 माह में 62400 रुपये मूल वेतन मिला था जबकि इसी वर्ष के सितंबर में उसका मूल वेतन 58200 रुपये कर दिया गया। अधिवक्ता का कहना था कि वेतन घटाने से पूर्व याची को सूचित नहीं किया गया और न ही उसका पक्ष सुना गया। किसी वरिष्ठ अधिकारी की ओर से ऐसा कोई आदेश भी नहीं है। याची ने पुलिस कमिश्नर वाराणसी को प्रत्यावेदन दिसा था मगर उस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। न्यायालय ने एक माह में निर्णय लेने को कहा है।