बोर्ड में पहचान न थी तो नहीं बनाया कप्तान
हरभजन का बीसीसीआई पर बड़ा आरोप
मुंबई। इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद हरभजन सिंह का एक बड़ा बयान सामने आया है। पूर्व ऑफ स्पिनर ने कभी उनको टीम इंडिया का कप्तान न बनाए जाने वाली बात पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। हरभजन का कहना है कि वह बीसीसीआई में किसी को नहीं जानते थे, शायद इसीलिए टीम के कैप्टन नहीं बनाए गए। हरभजन सिंह ने पिछले साल 24 दिसंबर को इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से रिटायरमेंट का ऐलान किया था। एक इंटरव्यू में उनके कभी भारतीय टीम का कप्तान न बनाए जाने को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि हां, कोई कभी मेरी कप्तानी के बारे में सवाल नहीं करता। मैं बीसीसीआई में किसी ऐसे इनसान को नहीं जानता था, जो कप्तानी को लेकर मेरा नाम आगे रख सके या मेरी बात बढ़ा सके।उन्होंने आगे कहा कि यदि आप बोर्ड में किसी पावरफुल सदस्य के फेवरेट नहीं है, तो आपको ऐसा सम्मान नहीं मिल सकता, लेकिन हमें अब इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए। मुझे पता है कि मैं भारत की कप्तानी करने में सक्षम था, क्योंकि हम बहुत सारे कप्तानों का मार्गदर्शन करते थे। मैं भारत का कप्तान होता या नहीं, कोई बड़ी बात नहीं। अगर मैं अपने देश के लिए कप्तान नहीं बन पाया तो मुझे कोई पछतावा नहीं है। मुझे एक खिलाड़ी के रूप में देश की सेवा करने में हमेशा खुशी मिली। हरभजन से पूछा गया कि क्या आपकी एमएस धोनी से कोई शिकायत है तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि नहीं, कभी नहीं। मुझे एमएस धोनी से कोई शिकायत नहीं है। वास्तव में, वह इतने वर्षों से एक अच्छे दोस्त रहे हैं। मुझे उस समय की सरकार बीसीसीआई से शिकायत है। मैं बीसीसीआई को सरकार कहता हूं। उस समय के चयनकर्ताओं ने अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय नहीं किया। उन्होंने टीम को एकजुट नहीं होने दिया। नए लोगों को लाने का क्या मतलब था जब महान खिलाड़ी अभी भी आसपास थे और प्रदर्शन कर रहे थे? मैंने एक बार इस पर चयनकर्ताओं का सामना किया था और उनका जवाब था कि यह उनके हाथ में नहीं था और फिर मैंने पूछा कि वे चयनकर्ता क्यों हैं?