जापान में भी बूस्टर डोज देने की तैयारी,जानिए भारत कब करेगा शुरुआत,इन देशों में दी जा रही है तीसरी खुराक
जापान अगले महीने यानी एक दिसंबर से बूस्टर डोज यानी तीसरी खुराक देने की शुरुआत करने जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक पैनल ने सोमवार को देश में एक दिसंबर से COVID-19 वैक्सीन के बूस्टर शाट्स के लिए मंजूरी दे दी है।
शुरुआत में सिर्फ फाइजर-बायोएनटेक COVID-19 वैक्सीन की ही बूस्टर डोज दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के पैनल ने कहा कि दूसरी खुराक ले चुके लोगों को बूस्टर डोज के लिए आठ महीने का इंतेजार करना होगा। हालांकि स्थानीय सरकारों को जरूरत के हिसाब से अंतराल को कम करने की अनुमति है। स्थानीय सरकारों को अंतराल को छह महीने तक कम करने की अनुमति दी गई है यदि उन्हें आवश्यक लगता है तो। उदाहरण के लिए संक्रमण में निरंतर वृद्धि को रोकने के लिए स्थानीय सरकारें ऐसा कर सकती हैं।
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने इस साल के खत्म होने से पहले ही तीसरी खुराक देने की शुरुआत करने का संकल्प लिया है। जनवरी, 2022 में बुजुर्गों को तीसरी खुराक देने की योजना बनाई जा रही है, उससे पहले चिकित्सा कर्मचारियों को बूस्टर डोज दी जाएगी। इनके अलावा उच्च जोखिम वाले व्यवसायों में काम करने वाले 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग भी बूस्टर शाट्स के लिए योग्य होंगे।
कोविड-19 वैक्सीन की बूस्टर डोज को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसके मुताबिक इस समय दुनियाभर में 36 देश बूस्टर खुराक दे रहे हैं। सबसे पहले बूस्टर खुराक देने की शुरुआत जर्मनी, आस्ट्रेलिया, कनाडा और फ्रांस में की गई थी। आइए जानते हैं किन देशों में दी जा रही है तीसरी खुराक-
ब्रिटेन में ठड के दौरान संक्रमण की नई लहर से बचने के लिए कोविड-19 बूस्टर कार्यक्रमों का युवा लोगों के लिए विस्तार किया गया है। सरकार की टीकाकरण पर गठित संयुक्त समिति ने कहा कि 40 से 49 आयुवर्ग के लोग दूसरी खुराक के छह महीने बाद बूस्टर शाट लेने के लिए योग्य हैं। इससे पहले सरकार ने बूस्टर डोज के लिए सिर्फ 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ही अप्लाई करने की अनुमति दी थी।
अमेरिका
अमेरिका में इस वक्त कोरोना को लेकर हालात ठीक नहीं है। यहां फिर से संक्रमण के मामलों में तेजी देखी गई है। इस बीच कैलिफोर्निया, कोलोराडो और न्यू मैक्सिको में सभी व्यस्कों के लिए कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज को अनुमति दे दी गई है।
इजरायल
इजरायल पहला ऐसा देश था जहां कोरोना वायरस के खिलाफ एमआरएनए वैक्सीन की बूस्टर डोज बुजुर्गों के लिए उपलब्ध कराई गई थी। बाद में 12 साल से ज्यादा उम्रवालों के लिए भी इसे उपलब्ध करवाया गया था। एक अध्ययन में सामने आया है कि इससे संक्रमण दर में गिरावट आई है।
फ्रांस
फ्रांस में सितंबर महीने में बूस्टर डोज देने की शुरुआत की गई थी। यहां उन लोगों को ही बूस्टर डोज दिया जाएगा, जिनकी उम्र 65 साल से ज्यादा हो और उन्होंने पहले पीजर या माडर्ना वैक्सीन की डोज ली हो। इसके अलावा वैक्सीन लगने के छह महीने बाद बूस्टर डोज दी जाएगी।
इनके अलावा आस्ट्रिया, इटली, जर्मनी, डेनमार्क, चीन, न्यूजीलैंड, हंगरी और चेकगणराज्य समेत विभिन्न देश इस वक्त बूस्टर डोज लगा रहे हैं। वहीं अगर भारत की बात करें तो, कुछ दिन पहले कोविड टास्क फोर्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि भारत जल्द ही बूस्टर डोज पर एक नीति दस्तावेज तैयार करेगा। इससे पहले भारत बायोटेक के अध्यक्ष डा कृष्णा एला ने कहा था कि अगर वायरस में बदलाव होता है तो लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए वैक्सीन की बूस्टर डोज की जरूरत होगी।