काबुल में अफगान जर्नलिस्ट सेफ्टी कमेटी (एजेएससी) ने एक बार फिर से अपना काम शुरू कर दिया है। देश में तालिबान के कब्जे के करीब 45 दिनों के बाद इस संगठन ने अपना काम दोबारा शुरू किया है। ये एक स्वतंत्र मीडिया ग्रुप है। इस ग्रुप की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि अफगानिस्तान में राजनीतिक बदलाव के बाद इस संगठन की कई एक्टिविटी को बंद कर दिया गया था, लेकिन अब ये पूरी तरह से दोबारा शुरू हो गई है। देश के मीडिया कर्मी और पत्रकार अब उनसे संपर्क साध सकते हैं। एजेएससी ने तालिबान द्वारा रिहा किए गए फोटोजर्नलिस्ट मुर्तजा समदी पर खुशी जाहिर की है।
शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक मुर्तजा को सितंबर में पश्चिमी हैरात प्रांत में तालिबान द्वारा गिरफ्तार किया गया था। संगठन ने अपने बयान में कहा है कि ये बेहद खास मौका है कि तालिबान ने मुर्तजा को रिहा कर दिया है। इसके लिए ये संगठन तालिबान की सरकार और आंतरिक मंत्रालय को थैंक्स कहता है। इस ग्रुप की तरफ से ये बयान ऐसे समय में दिया गया है जब शनिवार को ही तालिबान की केयरटेकर गवर्नमेंट के सूचना मंत्रालय की तरफ से ये कहा गया था कि ये सरकार मीडिया पर किसी तरह की कोई पाबंदियां नहीं लगाएगी। मंत्रालय की तरफ से ये भी कहा गया था कि अफगानिस्तान में मीडिया पूरी आजादी के साथ काम कर सकता है। इसके अलावा सरकार ने ये भी कहा था कि मीडिया समूह अपने काम को बेरोकटोक जारी कर सकते हैं।
तालिबान के कल्चर कमीशन के सदस्य मावलावी नूर मोहम्मद मुतावकील ने कहा कि कुछ जगहों पर कुछ मामले सामने आए हैं। ये बयान उन्होंने टोलो न्यूज से बात करते हुए दिया है। उन्होंने ये भी कहा कि यदि कहीं भी कुछ गलत होता है तो उसको बताया जाना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि तालिबान देश की मीडिया को पहले भी सपोर्ट करता रहा है। अब भी जबकि वो सरकार में हैं तो मीडिया को देश में लागू इस्लामिक फोर्मेट और ट्रेडिशन को ध्यान में रखते हुए अपना काम करना चाहिए। आपको बता दें कि शुक्रवार को तालिबान ने दो और पत्रकारों को परवार में हिरासत में लिया था। हालांकि इन्हें भी कुछ समय हिरासत में लेने के बाद छोड़ दिया गया था।
काबुल में अफगान जर्नलिस्ट सेफ्टी कमेटी (एजेएससी) ने एक बार फिर से अपना काम शुरू कर दिया है। देश में तालिबान के कब्जे के करीब 45 दिनों के बाद इस संगठन ने अपना काम दोबारा शुरू किया है। ये एक स्वतंत्र मीडिया ग्रुप है। इस ग्रुप की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि अफगानिस्तान में राजनीतिक बदलाव के बाद इस संगठन की कई एक्टिविटी को बंद कर दिया गया था, लेकिन अब ये पूरी तरह से दोबारा शुरू हो गई है। देश के मीडिया कर्मी और पत्रकार अब उनसे संपर्क साध सकते हैं। एजेएससी ने तालिबान द्वारा रिहा किए गए फोटोजर्नलिस्ट मुर्तजा समदी पर खुशी जाहिर की है।
शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक मुर्तजा को सितंबर में पश्चिमी हैरात प्रांत में तालिबान द्वारा गिरफ्तार किया गया था। संगठन ने अपने बयान में कहा है कि ये बेहद खास मौका है कि तालिबान ने मुर्तजा को रिहा कर दिया है। इसके लिए ये संगठन तालिबान की सरकार और आंतरिक मंत्रालय को थैंक्स कहता है। इस ग्रुप की तरफ से ये बयान ऐसे समय में दिया गया है जब शनिवार को ही तालिबान की केयरटेकर गवर्नमेंट के सूचना मंत्रालय की तरफ से ये कहा गया था कि ये सरकार मीडिया पर किसी तरह की कोई पाबंदियां नहीं लगाएगी। मंत्रालय की तरफ से ये भी कहा गया था कि अफगानिस्तान में मीडिया पूरी आजादी के साथ काम कर सकता है। इसके अलावा सरकार ने ये भी कहा था कि मीडिया समूह अपने काम को बेरोकटोक जारी कर सकते हैं।