ब्राह्मणों के खिलाफ योगी सरकार ने दिया था यह आदेश, विपक्ष ने घेरा, वापस लिया फैसला

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में सियासी गर्मी  उस वक्त और बढ़ गई जब यह खबर सामने आई कि योगी सरकार ने पत्र लिखकर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से जानकारी मांगी है कि प्रदेश में कितने ब्राह्मणों ने शस्त्र के लिए आवेदन किया था और कितने लोगों को यह जारी किया गया। आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश में आए दिन हो रहे ब्राह्मणों की हत्या को रानीतिक रंग दिया जा रहा है और ब्राह्मण समाज को सभी राजनीतिक पार्टियां लुभाने में लग हुई है। ऐसे में योगी सरकार यह फैसला उनकी पार्टी के लिए बड़ी हनिकारक थे जिसकी वजह सरकार को इस मामले ,पर पीछे हटना पड़ा। 

आपको बता दें योगी सरकार द्वारा लिए गया इस जातिगत निर्णय के बाद सूबे में राजनीति सरगर्मी तेज हो गई। जिसके चलते सरकार को अपना निर्णय वापिस लेना पड़ा। अब इस मुद्दे पर प्रशासन और सरकार दोनों ही कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। बीजेपी के इस निर्णय पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने सरकार से पूछा है कि केवल ब्राहम्णों के शस्त्र लाइसेंस का डाटा क्यों इकट्ठा किया जा रहा है। यह किससे पूछकर किया जा कहा है और क्यों ? क्या ब्राहम्ण समाज को टारगेट किया जा रहा है?

आपको बता दें कि भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी ने योगी सरकार पर ब्राह्मणों की सुरक्षा को अनदेखा करने का आरोप लगाते हुए सवाल पूछा था कि सरकार बताए की उसने तीन सालों में ब्राह्मणों की सुरक्षा के लिए क्या किया है? उन्होंने ब्राह्मणों पर हो रहे हमलों, एनकाउंटर, हत्याओं पर सवाल उठाए थे। फिलहाल विधायक देवमणि भी किसी तरह के कमेंट से बच रहे हैं।

Related Articles