योगी सरकार ने बनाई त्वरित निवेश प्रोत्साहन नीति

मध्यांचल, पूर्वांचल व बुंदेलखंड में निवेश पर विशेष छूट

लखनऊ। सबका साथ सबका विकास की राजनीतिक नीति के साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार औद्योगिकीकरण में भी क्षेत्रीय संतुलन बनाने को प्रयासरत है। कोरोना संक्रमण काल में प्रदेश के पिछड़े अंचलों में भी निवेश आए, इसके लिए निवेशकों को विशेष छूट देने का फैसला किया गया है। मध्यांचल, पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्र में मेगा प्रोजेक्ट की स्थापना कराने के उद्देश्य से यूपी सरकार ने त्वरित निवेश प्रोत्साहन नीति-2020 बनाई है, जिसे सोमवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई।उत्तर प्रदेश के पिछड़े जिलों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे आदि बना रही है।
डिफेंस इडंस्ट्रियल कॉरिडोर भी बुंदेलखंड के लिए काफी अहम माना जा रहा है। इसी बीच कोरोना काल में खास तौर से पूर्वांचल और बुंदेलखंड में बड़ी तादाद में प्रवासी श्रमिक-कामगार लौटे। चूंकि, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काफी उद्योग हैं, इसलिए अब सरकार का प्रयास पूर्वांचल, बुंदेलखंड और मध्यांचल जैसे पिछड़े क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने की है। इसी मकसद से औद्योगिक विकास विभाग द्वारा तैयार त्वरित निवेश प्रोत्साहन नीति-2020 को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से स्वीकृति दी गई है।अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने बताया कि इस नीति के तहत निवेशकों को मध्यांचल में सत्तर फीसद एसजीएसटी प्रतिपूर्ति बारह वर्ष, जबकि पूर्वांचल और बुंदेलखंड में पंद्रह वर्ष तक की जाएगी। हालांकि शर्त यही है कि मेगा और मेगा प्लस श्रेणी के उद्योगों को तीस माह, जबकि सुपर मेगा श्रेणी के उद्योगों को नीति की अधिसूचना जारी होने के 42 माह के भीतर व्यावसायिक उत्पादन शुरू करना होगा। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इस नीति का लाभ उन निवेशकों को भी मिलेगा, जो भले ही काम शुरू कर चुके हैं, लेकिन लगभग 80 फीसद पूंजी निवेश अभी बाकी है। अपर मुख्य सचिव का कहना है कि इस नीति से पिछड़े इलाकों में भी निवेश के प्रति निवेशक आकर्षित होंगे।

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