ऐसी स्थिति न बने कृष्णा कुटीर में महिलाएं रहने आए: रामनाथ कोविद

मथुरा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को वृंदावन पहूंच कर पत्नी सविता कोविंद के साथ बांके बिहारी मंदिर से दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने मंदिर की देहरी पूजन कर 5 दीपक जलाए। मंदिर में आचार्य अवधेश बादल ने पूजन कराया। इसके बाद उन्होंने पंडितों को दक्षिणा दी।
बांके बिहारी जी के दर्शन करने के बाद राष्ट्रपति का काफिला कृष्णा कुटीर पहुंचा। यहां 4 माताओं ने तिलक लगाकर राष्ट्रपति कोविंद का स्वागत किया। राष्ट्रपति एक घंटे तक यहां रहेंगे और 200 माताओं से मुलाकात की। राष्ट्रपति कृष्णा कुटीर में माताओं द्वारा बनाए जा रहे विभिन्न उत्पादों को भी देखा। कृष्णा कुटीर में रह रही निराश्रित और बेसहारा माताएं यहां रहकर आत्मनिर्भर बनने के लिए भगवान के कपड़े, कंठी माला, अगरबत्ती आदि बना रही हैं। इस दौरान उन्होंने माताओं के साथ हाई-टी भी ली।
उन्होंने कहा, “कृष्णा कुटीर की माताएं माध्यम बनी हैं, जिनकी वजह से मैं यहां आया हूं।” बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के बाद महामहिम कृष्णा कुटीर पहुंचे। यहां राष्ट्रपति ने महिलाओं को 10 मिनट संबोधित किया। कहा कि समाज को सोचना चाहिए कि ऐसी स्थिति न बने की महिलाएं यहां रहने के लिए आएं। वे अपने घरों में ही रहें। उनके द्वारा महिलाओं को रंगीन साड़ी दी गई।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद केंद्र और राज्य सरकार के कामों से संतुष्ट नजर आये। अपने तय कार्यक्रम के तहत राष्ट्रपति सुबह करीब 9.45 बजे वृंदावन पहुंचे थे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनका हेलिपैड पर स्वागत किया।

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