लखनऊ में मतदान के बाद मायावती का बड़ा बयान
बोलीं-समाजवादी पार्टी के खुश नहीं हैं मुसलमान
लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में चौथे चरण के मतदान में बुधवार को बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने लखनऊ में मतदान किया। बसपा मुखिया सात बजे ही मतदान केन्द्र पहुंची और वोट डाला। मतदान के बाद मायावती ने समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला।मायावती ने मतदान के बाद मीडिया से कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक वर्ग के लोग समाजवादी पार्टी की कार्यशैली से बहुत दुखी है। यह चुनाव में अपना गुस्सा भी दिखा सकते हैं। मायावती ने कहा कि इस बार समाजवादी पार्टी जो सरकार बनाने का सपना देख रही है इनका सपना चकनाचूर हो जाएगा। उन्होंने का कि इससे पहले भी जब-जब समाजवादी पार्टी सत्ता में रही है, उस दौरान सबसे अधिक उत्पीडऩ दलितों और पिछड़ों का हुआ हैं। यह पार्टी इनकी भी हितैषी बनने के प्रयास में है। मायावती ने कहा कि बसपा को उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीट पर अकेले ही चुनाव लड़ रही है। बसपा को अकेले सभी वर्गों का वोट मिल रहा है। इस बार तो भाजपा के साथ सपा जीत का दावा कर रहे हैं, कई ऐसा ना हो कि उनके दावे धरे के धरे रह जाए। जब नतीजे आएंगे तो बसपा को 2007 की तरह पूर्ण बहुमत मिलेगा। भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह के बीएसपी के अच्छा चुनाव लडऩे के जवाब पर मायावती ने कहा कि यह तो उनकी महानता है जो उन्होंने सच्चाई को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में इस विधानसभा आम चुनाव में अभी चार चरणों में वोटिंग हो रही है। बसपा को अकेले दलितों का ही नहीं मुसलमानों का ही नहीं बल्कि अति पिछड़े वर्गों सर्व समाज के लोगों का वोट मिल रहा है। इसका जब रिजल्ट आएगा तो वक्त बताएगा तो कौन कितने पानी में है। भारतीय जनता पार्टी और सपा दावा कर रहे हैं, कहीं ऐसा ना हो जाए किन के दावे धरे के धरे न रह जाएं। मुझे पूरा भरोसा है सन 2007 की तरह बहुजन समाज पार्टी सरकार बनाएगी समाजवादी पार्टी को मुसलमानों को वोट दिए जाने पर मायावती ने कहा के क्षेत्र में जाकर इन चीजों की सच्चाई आप पता कर सकते हैं। मुसलमानों का ज्यादातर यह मानना है कि जिन सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी तैयारी कर रहे थे उन्हें टिकट नहीं दिया। सपा की कार्यशैली से सभी परिचित हैं। इस समय अखिलेश यादव को यह सोचना चाहिए कि वह मेरी फिक्र छोड़ दें। यह सोचे कि यादव समाज का वोट उन्हें मिल रहा है या नहीं मिल रहा है। अखिलेश यादव अगर अंबेडकरवादी होते तो वह हमारे शुरू कराए गए कार्यों और जगहों के नाम अपनी सरकार में ना बदलते। अखिलेश यादव नकली अंबेडकरवादी हैं।बहुजन समाज पार्टी को पूरी उम्मीद है कि 2007 की तरह हम पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे। सपा सरकार बनाने का सपना देख रही है उनका सपना चकनाचूर होगा। जब जब सपा सरकार सत्ता में रही है पिछड़ों का दलितों का गरीबों का सबसे ज्यादा उत्पीडऩ हुआ है। ब्राह्मण समाज का भी उत्पीडऩ सपा सरकार में ही हुआ है। अखिलेश यादव केवल बयानबाजी यों से ही माहौल बना रहे है। इनके कार्यकर्ताओं का दिमाग अभी से खराब हो गया है। इनकी सरकारों में खूब दंगे हुए। वेस्ट यूपी में मुजफ्फरनगर का दंगा समाजवादी पार्टी की सरकार का उदाहरण है। समाजवादी पार्टी को यूपी की जनता रिजल्ट आने से पहले नकार चुकी है। जनता को यह मालूम है कि सपा सरकार का मतलब है गुंडाराज और माफिया राज। समाजवादी पार्टी के मुखिया का चेहरा उतरा हुआ है वह यह बता रहा है कि उनकी पार्टी के लोग और वह दुखी हैं। समाजवादी पार्टी के लोग जहां जा रहे हैं वहां लोग उनके खिलाफ हैं। मैंने देखा किस जगह उनके हेलीकॉप्टर को लोगों ने घेर लिया। एजेंसी वाले लोग जो सर्वे दिखा रहे हैं। मीडिया जो दिखा रही है वह 2007 में भी ऐसे ही दिखा रहे थे लेकिन जब रिजल्ट आए तो बीएसपी नंबर वन थी। इस बार भी नतीजों के बाद रिजल्ट बसपा के पक्ष में जाएगा।