स्वास्थ्य के लिए बहुत गुणकारी है सिंहपर्णी, ये हैं इसके फायदे
सिंहपर्णी पीले रंग के फूल वाला पौधा है, जिसे अंग्रेजी में डैंडेलियन और लायंस टूथ के नाम से जाना जाता है। यह पौधा कई औषधीय गुणों से समद्ध होता है, इसलिए पारंपरिक चिकित्सा में लंबे समय से इसकी पत्तियां, फूल और जड़ का प्रयोग किया जाता रहा है। हालांकि, अगर आप इसके फायदों से परिचित नहीं है तो आइए आज हम आपको सिंहपर्णी से मिलने वाले कुछ स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताते हैं।
सूजन को कम करने में है सहायक
सिंहपर्णी के पत्तों के इस्तेमाल से पुरानी से पूरानी सूजन को कम करने में काफी मदद मिल सकती है।
एक शोध के मुताबिक, इसके पत्तों के अर्क में एंटी-इंफ्लेमेट्री (सूजन कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। इसलिए सूजन को कम करने में सिंहपर्णी के पत्ते सहायक साबित हो सकते हैं। सूजन को कम करने के लिए सिंहपर्णी के पत्तों का पेस्ट प्रभावित जगह पर लगाकर मलें।
कैंसर के दुष्प्रभावों से बचाने में भी है सहायक
सिंहपर्णी के फूल कैंसर जैसी घातक बीमारी के जोखिमों को कम करने में भी मदद कर सकती है। एक शोध के मुताबिक, इसमें एंटी-कैंसर गुण होते हैं, जो कैंसर फैलाने वाले कोशिकाओं को पनपने से रोकते हैं। इसके साथ ही इसमें कई तरह के फेनोल्स, फ्लेवोनोइड और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण भी मौजूद होते हैं, जो कैंसर का खतरा कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, कैंसर मरीज डॉक्टर की सलाह के बाद ही सिंहपर्णी के फूलों का इस्तेमाल करें।
मधुमेह के स्तर को नियंत्रित करने में है सहायक
खून में ग्लूकोज की मात्रा बढऩे से मधुमेह का खतरा उत्पन्न होता है। इस बीमारी के स्तर को नियंत्रित रखने में सिंहपर्णी के फूलों का सेवन फायदेमंद हो सकता है।
एक शोध के मुताबिक, इसमें एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज की मात्रा को कम करने में मदद कर सकते हैं। ये गुण मधुमेह के स्तर को नियंत्रित करने में फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
हृदय के स्वास्थ्य के लिए है बेहतरीन
शरीर को सेहतमंद रखने के लिए हृदय को स्वस्थ रखना जरूरी है, जो सिंहपर्णी के फूल और जड़ों के इस्तेमाल से मुमकिन है। एक शोध के मुताबिक, इनमें कैरोटेनॉयड जैसे एंटी-ऑक्सिडेंट होते हैं, जो हृदय को मुक्त कणों से बचाने में काफी मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, ये एंटी-ऑक्सीडेंट हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में भी सहयोग प्रदान कर सकते हैं।