बिहार में बाढ़ तबाही : कहीं टूट रहे बांध तो कहीं बह गई सड़क, जानें कहां हुई कितनी

पटना! उत्तर बिहार के जिलों में लगातार हो रही बारिश से चारों ओर तबाही का मंजर है। गंगा, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती और कोसी नदियां लाल निशान के ऊपर बह रही है। हालत यह है कि कई जिलों में बांध ही टूट गए इस कारण गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। इस कारण लाखों लोग परेशान है। बिहार में 7 जिले ऐसे हैं, जो नेपाल से सटे हुए हैं. इनमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज शामिल हैं. नेपाल से छोड़े गए पानी का असर इन इलाकों में दिखने लगता है। गोपालगंज में गंडक का मुख्य तटबंध गुरुवार देर रात देवापुर में टूट गया। तटबंध टूटने से बाढ़ का पानी बरौली और मांझा प्रखंड के 12 से अधिक गांवों में घुसने लगा है। वहीं बाढ़ से अबतक 45 गांव पूरी तरह प्रभावित है। उधर नेपाल के वाल्मीकी नगर बराज से छोड़े गए सर्वाधिक साढे चार लाख क्यूसेक पानी के गोपालगंज पहुंचने के बाद गुरुवार को गंडक नदी बेकाबू हो गई। वैशाली प्रखंड क्षेत्र के चकअलहलाद गांव में गंडक नदी से सटे स्लूईस गेट के आगे नहर का बांध टूट गया । जल संसाधन विभाग के अधिकारी बांध मरम्मत में लगे हैं । दूसरी ओर वैशाली प्रखंड क्षेत्र के सलेमपुर, चकपिताम्बर आदि गांव में गंडक नदी उफान पर हैं । दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी चला गया है। सलेमपुर में तिरहुत तटबंध पर दबाव है, तटबंध से पानी का रिसाव शुरू हाे गया है। दियारा क्षेत्र के इलाके में बसे लोगों के घरों तक घुसा पानी।सरफरा व देवापुर गांव के पास छरकी व सारण बांध में कई स्थलों पर तेज रिसाव हो रहा है। जलसंसाधन विभाग तटबंध को बचाने में जुटा है। नदी के जलस्तर में तेजी से लगातार वृद्धि हो रही है। बाढ़ से सहमे तटवर्ती गांवों के ग्रामीण लगातार पलायन कर रहे हैं। अब तक बाढ़ से 45 गांव पूरी तरह प्रभावित हो चुके हैं। दो हजार से अधिक घरों में पानी घुस गया है।

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