वार जोन यूक्रेन से अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय ने अब तक क्या किया
यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग का आज 12वां दिन है। इस बीच वहां फंसे 20 हजार से ज्यादा भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय युद्ध स्तर पर प्रयास कर रहा है। मंत्रालय एक तरफ जहां बदलते हालात को देखते हुए अपने नागरिकों की सुविधा के लिए नई एडवाइजरी जारी कर रहा है। वहीं यूक्रेन के पड़ोसी देशों में तैनात भारतीय राजदूत सभी डिप्लोमेटिक चैनल्स का भी प्रयोग कर रहे हैं। जिसका नतीजा है भारत सरकार द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन गंगा’ अभियान की 76 उड़ानों के जरिए अब तक लगभग 16 हजार से ज्यादा भारतीय स्वदेश वापस आ चुके हैं।ऑपरेशन गंगा’ अभियान की 76 उड़ानों के जरिए अब तक लगभग 16 हजार से ज्यादा भारतीय स्वदेश वापस आ चुके हैं।यूक्रेन से भारतीयों की स्वदेश वापसी के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और विदेश सचिव हर्षवर्धन ने निभाई। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की सम्भावना को देखते हुए विदेश मंत्री और विदेश सचिव ने डिप्लोमैटिक चैनल्स की कमान अपने हाथ में ली और सभी आवश्यक कदम उठाना शुरू कर दिए। जिसका नतीजा है कि आज बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों एवं छात्रों की स्वदेश वापसी हो चुकी है।
मंत्रालय ने जारी की पहली एडवाइजरी:
यूक्रेन पर रूस के संभावित हमले को देखते हुए मंत्रालय ने लगभग एक महीना पहले ही अपनी तैयारियां कर ली थीं। इसको हम इस तरह से देख सकते हैं कि जनवरी महीने में मंत्रालय ने एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म खोल कर यूक्रेन में सभी भारतीयों से उसे भरकर ये जानकारी देने को कहा था कि कौन-कौन कहां-कहां है ताकि सभी भारतीयों की पूरी जानकारी विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास के पास हो। इसके बाद 15 फरवरी को मंत्रालय ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ देने के लिए एक एडवाइजरी जारी की। वहीं 16 फरवरी को एयर बबल अरेंजमेंट के तहत यात्रियों पर लगी कैप हटाई गई। 18 फरवरी को 22, 24 और 26 फरवरी को एयर इंडिया की उड़ानों की घोषणा की गई।
यूक्रेन के पड़ोसी देशों में मंत्रालय ने भेजी अपनी टीम:
20 फरवरी को यूक्रेन से कोई बुकिंग नहीं होने के कारण एयर इंडिया उड़ानें स्थगित करने पर विचार कर रही थी। इसी दिन भारतीय मिशन ने एक और एडवाइजरी जारी की। इसमें सभी भारतीयों से सख्ती के साथ यूक्रेन छोड़ने का आग्रह किया गया। 22 फरवरी को अतिरिक्त उड़ानों को लेकर तीसरी एडवाइजरी जारी की गई। इसी दिन यूक्रेनी विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन कक्षाओं के संबंध में चौथी एडवाइजरी जारी की क्योंकि कई छात्र ऑनलाइन कक्षाओं के अभाव में छोड़ने को तैयार नहीं थे। उसी दिन मंत्रालय ने 2 रूसी भाषी अधिकारियों को भारतीय नागरिकों की वापसी में मदद के लिए कीव भेजा। 24 फरवरी को हवाई क्षेत्र को बंद किया गया और निकासी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई जिसमें यूक्रेन के पश्चिमी क्षेत्रों में स्थानांतरित करना शामिल था। इसके साथ ही भारतीयों को हेल्पलाइन की बढ़ी संख्या के बारे में भी बताया गया। यही नहीं भारतीय नागरिकों की सहायता के लिए 24 फरवरी को ही यूक्रेन के साथ सीमा साझा करने वाले देशों हंगरी, पोलैंड, स्लोवाक गणराज्य और रोमानिया में विदेश मंत्रालय ने अपनी टीमों को भेजा।
प्रधानमंत्री मोदी ने पुतीन और ज़ेलेंस्की की बात:
24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ टेलीफोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने भारतीय नागरिकों, विशेष रूप से छात्रों की सुरक्षा के संबंध में भारत की चिंताओं के बारे में रूसी राष्ट्रपति को अवगत कराया। यही नहीं प्रधामंत्री मोदी ने पुतिन को बताया कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। 25 फरवरी को विदेश मंत्रालय की टीमें यूक्रेन के पड़ोसी देशों में पहुंच गईं। 26 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ बात की। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन में मौजूद छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारत की गहरी चिंता से भी अवगत कराया। उन्होंने भारतीय नागरिकों को तेजी से और सुरक्षित रूप से निकालने के लिए यूक्रेनी अधिकारियों द्वारा सुविधा की मांग की।
ऑपरेशन गंगा की शुरुआत:
28 फरवरी को विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को एयरलिफ्ट करने के लिए मिशन लॉन्च किया है, जिसे ‘ऑपरेशन गंगा’ नाम दिया गया। उन्होंने बताया कि बचाव अभियान पर जो भी खर्च आएगा, वह भारत सरकार वहन करेगी। विदेश सचिव श्रृंगला ने आगे बताया कि ऑपरेशन गंगा को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने 24×7 हेल्पलाइन भी लॉन्च किया है। 28 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने रोमानिया के प्रधानमंत्री निकोले-इओनेल सियुका और स्लोवाक गणराज्य के प्रधानमंत्री एडुआर्ड हेगर से फोन पर बात की। इसी दिन प्रधानमंत्री मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक में चार मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजने का निर्णय लिया। जिन्हें भारत का ‘विशेष दूत’ बनाकर भेजा गया। प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों के प्रमुखों से की बात:
1 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेजेज डूडा, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल से फोन पर बात की। 2 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर रूस के राष्ट्रपति पुतीन से फोन पर बात की। 7 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने दोबारा यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की औऱ रूस के राष्ट्रपति पुतीन से बात की और भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी को लेकर धन्यवाद दिया।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)