प्रकृति और प्रत्येक जीव के प्रति करुणा की हमारी संस्कृति को दुनिया ने भी सराहा : पीएम मोदी
नयी दिल्ली। असम की विश्व प्रसिद्ध हथकरघा पर बुनी गई मूंगा और एरी की पोशाकों में गैंड़ों की आकृति दिखाई देती है। असम की संस्कृति में जिस गैंडे की इतनी बड़ी महिमा है उसे भी संकटों का सामना करना पड़ता था। वर्ष 2013 में 37 और 2014 में 32 गैंडों को तस्करों ने मार डाला था। असम की विश्व प्रसिद्ध हथकरघा पर बुनी गई मूंगा और एरी की पोशाकों में गैंड़ों की आकृति दिखाई देती है। असम की संस्कृति में जिस गैंडे की इतनी बड़ी महिमा है उसे भी संकटों का सामना करना पड़ता था। वर्ष 2013 में 37 और 2014 में 32 गैंडों को तस्करों ने मार डाला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम मन की बात के जरिए एक देशवासियों के सामने अपनी बात रखी। ये इस कार्यक्रम का 85वां एपिसोड है। ये इस वर्ष में उनका पहला मन की बात का कार्यक्रम भी है। हालांकि ऐसा पहली बार हुआ जब इस कार्यक्रम का प्रसारण सुबह 11 बजे की जगह साढ़े ग्यारह बजे किया गया। इसकी एक बड़ी वजह आज महात्मा गांधी की पुण्य तिथी का होना भी है। ये संयोग ही है कि दोनों ही चीजें आ हैं। इस मौके पर पीएम मोदी ने बापू को नमन करते हुए उनकी बताई राह पर चलने के लिए देशवासियों से अपील की। उन्होंने कहा कि आज हमारे पूज्य बापू की पुण्यतिथि है, 30 जनवरी का ये दिन हमें बापू की शिक्षाओं की याद दिलाता है। अभी कुछ दिन पहले हमने गणतंत्र दिवस भी मनाया, दिल्ली में राजपथ पर हमने देश के शौर्य और सामर्थ्य की जो झांकी देखी उसने सबको गर्व और उत्साह से भर दिया है। अमृत महोत्सव के आयोजनों के बीच देश में कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पुरस्कार दिए गए। इनमें से एक है प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार। ये पुरस्कार उन बच्चों को मिले जिन्होंने छोटी सी उम्र में साहसिक और प्रेरणादायी काम किए हैं। हमें अपने घरों में इन बच्चों के बारे में बताना चाहिए। इंडिया गेट पर नेताजी की डिजिटल प्रतिमा स्थापित की गई है, इसका देश ने जिस प्रकार से स्वागत किया, हर देशवासी ने जिस प्रकार की भावनाएं प्रकट कीं उसे हम कभी भूल नहीं सकते हैं। आज़ादी के अमृत महोत्सव में देश इन प्रयासों के जरिए अपने राष्ट्रीय प्रतीकों को पुन: प्रतिष्ठित कर रहा है। हमने देखा कि इंडिया गेट के समीप अमर जवान ज्योति और पास में ही राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर प्रज्जवलित ज्योति को एक किया गया। इस भावुक अवसर पर कितने ही देशवासियों और शहीद परिवारों की आंखों में आंसू थे।