राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर ऑनलाइन कार्यक्रम का हुआ आयोजन

अलीगढ़ । जिले के कलेक्ट्रेट कार्यालय में प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार द्वारा ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसमें जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे व सीडीओ अंकित कुमार खंडेलवाल तथा जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह द्वारा डीपीएस विद्यालय के छात्र चंद्रय सिंह चौधरी को बधाई दी गई और ऑनलाइन वैबिनार के माध्यम से प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश के तीन छात्रों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर जिलाधिकारी सेल्व कुमारी जे व सीडीओ अंकित कुमार खंडेलवाल मौजूद रहे। गौरव चंदेल ने बताया कि जिला बाल संरक्षण व बाल विकास इकाई के सहयोग द्वारा बच्चों के हर कदम पर सहायता की गयी। उन्होंने बताया मोहम्मद शादाब को 2021 में प्रधानमंत्री द्वारा बाल पुरस्कार से जो सम्मानित किया गया था उसी को लेकर सोमवार को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया कि चंद्रय चौधरी ने दो बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड व 10 अन्य रिकॉर्ड बुक में प्रतिभाग कर रिकॉर्ड स्थापित किया है। उसी के उपलक्ष में देश के प्रधानमंत्री द्वारा चंद्रय सिंह चौधरी को प्रशस्ति पत्र व इनामी राशि में एक लाख रूपए भेजे गए ‌। चंद्रय की इन उपलब्धियों को देखते हुए भारत के उप राष्ट्रपति, उत्तर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल, उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री व केंद्रीय खेल मंत्री जी अपने यहां बुलाकर सम्मानित कर चुके है। मुख्य बात यह है की चंद्रय ने आर्थिक तंगी को मात देते हुए इतनी सब उपलब्धियां इतने कम समय में प्राप्त की है। जिसमें उनके पिता तेजेंद्र सिंह चौधरी व उनके प्रशिक्षकों का महत्पूर्ण योगदान शामिल है। जिन्होंने एक गैस एजेंसी में हॉकर होने के बावजूद भी अपने पुत्र के हौसले को उड़ान देने का काम किया है। चंद्रय का कहना है उनकी प्रेरणा ओर उनके हीरो उनके पिता ही है। इस राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिला प्रबोशन अधिकारी स्मिता सिंह ने कहा कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में 24 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिवस का मुख्य देश है कि बेटियों को उनका अधिकार मिल सके और बिना सत भक्ति के न बीटिया और न बेटे, कोई सुखी नहीं हो सकता है। उन्होंने बताया वर्तमान में देखा जाए तो देश की बेटियां हर क्षेत्र में भूमिका निभा रही है। एक समय ऐसा था, जब बेटियों को घर में ही मरवा दिया जाता था। यह स्थिति अब ना के बराबर हो गई है। पहले बेटियों का जन्म हो भी गया तो बाल विवाह कर दिया जाता था। देश की बेटियों को सशक्त बनाने के लिए और जागरूकता बढ़ाने के लिए इस मुख्य दिवस को 24 जनवरी को मनाने का ही यही कारण है ‌।कार्यक्रम को संचालित करते हुए महिला कल्याण अधिकारी द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर महिला कल्याण विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिसके मुख्य उद्देश्य में महिलाओं को सुरक्षा सम्मान एवं स्वयं बल प्रदान करना होता है। कार्यक्रम के उपरांत में जिला कार्यक्रम समन्वयक वन्दना शर्मा, दीपक झा, गौरव चंदेल, अनुराग सिंह व अन्य आदि उपस्थित रहे ।

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