तालिबान आतंकियों के साथ संघर्ष से बचने के लिए 1,000 से ज्यादा अफगान सैनिक भाग कर पहुंचे पड़ोसी मुल्क तजाकिस्तान

अफगानिस्तान में बीते काफी समय से शांति वार्ता को लेकर कश्मकश चल रही है, किन्तु लगता है कि अफगानिस्तान में शांति के लिए अभी बहुत लंबा संघर्ष करना पड़ेगा। अफगानिस्तान में आतंकी संगठन तालिबान के बढ़ते कद ने वहां की सरकार की चिंता को बढ़ा दिया है। अफगानिस्तान से उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के सैनिकों की वापसी शुरू होने के बाद आक्रामक तेवर में आये तालिबान आतंकियों के साथ संघर्ष से बचने के लिए 1,000 से ज्यादा अफगान सैनिक सोमवार सुबह बॉर्डर पार करके पड़ोसी मुल्क तजाकिस्तान में भाग गये।

ताजिकिस्तान ने सीमा प्राधिकरण के अधिकारियों के एक बयान का हवाला देते हुए बताया है कि 1,037 अफगान सैनिकों ने अपनी जान बचाने के लिए अफगानिस्तान के बदख्शां प्रांत से बॉर्डर पार की। ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति की वेबसाइट पर जारी एक बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन ने सोमवार को बॉर्डर पर 20,000 रिजर्व सैनिकों को तैनात करने का आदेश दिया। ताजिक अधिकारी बार-बार कहते रहे हैं कि वे अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देंगे।

बता दें कि हाल के दिनों में ताजिकिस्तान में यह तीसरी दफा और दो हफ़्तों में पांचवीं बार अफगानिस्तानी सैनिकों का पलायन हुआ है। अब तक कुल मिलाकर तक़रीबन 1,600 सैनिक बॉर्डर पार जा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि बदख्शां प्रांत के 28 जिलों में से एक को छोड़कर शेष सभी जिलों पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है और प्रांतीय राजधानी फैजाबाद तालिबानी लड़ाकों से घिर गई है। लोगों को चिंता है कि तालिबान किसी भी वक़्त शहर में घुस सकता है। ऐसे में रविवार रात से फैजाबाद में अफगानी सैनिकों की तैनाती की गयी है।

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