भाजपा शासन में मंडी और धर्मशाला में खुले साइबर थाने बहाल

 

शिमला। हिमाचल प्रदेश में सता परिवर्तन के बाद भाजपा शासन के कई बड़े फैसलों को पलटने के साथ कांग्रेस की सुक्खू सरकार अब खुद अपने फैसलों पर यू टर्न ले रही है। पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल के आखिरी सात महीनों में खुले सैंकड़ों संस्थानों को बंद करने पर विपक्ष के कड़े विरोध का सामना कर रही सतारूढ़ सुक्खू सरकार के तेवर अब नरम पड़ गए हैं।

 

खास बात यह है कि सरकार बंद किये गए अधिकांश संस्थानों को बहाल करने में जुट गई है। इस कड़ी में मंडी और धर्मशाला में रेंज स्तर के दो साइबर थानों को बहाल कर दिया गया है। दोनों थानों को पिछली सरकार के कार्यकाल के अंत में खोला गया था। लेकिन सुक्खू सरकार ने सत्ता संभालने के बाद इन्हें डिनोटिफाई कर दिया था। इसके पीछे तर्क दिया था कि पूर्व सरकार ने बिना बुनियादी ढांचा के साइबर थानों को खोल दिया था। अब इन दोनों थानों को फिर से खोलने का निर्णय लिया है। इस सम्बंध में सरकार के प्रधान सचिव गृह की ओर से अधिसूचना जारी हुई है।

इसके मुताबिक उत्तरी रेंज का साइबर थाना धर्मशाला और मध्य रेंज का मंडी में खुलेगा। दक्षिणी रेंज का साइबर थाना पहले की तरह शिमला में ही होगा।

 

माना जा रहा है कि राज्य साइबर अपराधों के मामलों में हो रही बेतहाशा बढ़ौतरी को देखते हुए सरकार को इन थानों को खोलने का यू टर्न लेना पड़ा है। शिमला के आईजी रेंज स्तर के थाने के अधीन शिमला, सोलन, किन्नौर, सिरमौर, पुलिस जिला बद्दी आते हैं। इसी तरह मध्य रेंज मंडी के तहत खुलने वाले थाने के अधीन मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति जिला आएंगे। वहीं उत्तर रेंज के थाने के अधीन कांगड़ा, चम्बा, ऊना व नूरपुर आएंगे। प्रत्येक थाना एसपी साइबर क्राइम के अधीन कार्य करेगा।

 

गौरतलब है कि हिमाचल में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आज जनता ही नहीं बल्कि सूबे के राजनेताओं से लेकर आला अधिकारी भी साइबर ठगों के निशाने पर हैं। पिछले दिनों साइबर ठगों ने सोशल मीडिया पर पूर्व राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर का फर्जी अकाउंट बना दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का भी फेसबुक अकांउट हैक हो चुका था। साइबर ठग मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और केंद्रीय विवि धर्मशाला के कुलपति के अलावा सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के फर्जी अकाउंट बनाकर उनके रिश्तेदारों व लोगों से पैसों की मांग कर चुके हैं। पिछले चार महीनों में साइबर थाने में ठगी की करीब 500 शिकायतें दर्ज हुई हैं। यही वजह है कि सरकार को साइबर थाने फिर से खोलने के लिए बाध्य होना पड़ा है।

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