Children’s education appeal- हाईकोर्ट के फैसले पर बोले संजय सिंह: “हैरान हूं, बच्चों ने पढ़ाई की गुहार लगाई, सरकार ने स्कूल छीना, अब कोर्ट ने उम्मीद”
Children’s education appeal- राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा स्कूलों के मर्जर (विलय) के खिलाफ दायर याचिका को खारिज किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वह इस फैसले से बेहद हैरान और निराश हैं और अब इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे।
संजय सिंह ने कहा,
“बच्चों ने पढ़ाई बचाने की गुहार लगाई थी। सरकार ने स्कूल छीन लिए, और अब कोर्ट ने भी उनकी उम्मीद छीन ली। क्या यही है ‘शिक्षा का अधिकार’? सरकार ने स्कूल बंद करके हजारों गरीब बच्चों को उनके मूल अधिकार से वंचित कर दिया है।”
दरअसल, दिल्ली सरकार ने हाल के महीनों में कई सरकारी स्कूलों का एक-दूसरे में मर्जर कर दिया था, जिसको लेकर बच्चों, अभिभावकों और सामाजिक संगठनों ने विरोध जताया था। संजय सिंह ने इन मर्जर्स को “शिक्षा विरोधी नीति” करार देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे अब खारिज कर दिया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि जब देश का संविधान हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार देता है, तब सरकार स्कूलों को बंद कर इस अधिकार का सीधा उल्लंघन कर रही है।
“सरकार की मंशा साफ है—गरीब बच्चों को पढ़ने से रोकना, सरकारी स्कूलों को खत्म करके शिक्षा को कॉरपोरेट के हाथों सौंपना।”
आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता संजय सिंह ने स्पष्ट कहा कि वह इस फैसले को स्वीकार नहीं करते और जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करेंगे।
पृष्ठभूमि:
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दिल्ली में AAP सरकार ने छात्र संख्या कम होने की वजह बताते हुए कई स्कूलों को मर्ज किया है।
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इससे हजारों बच्चों को दूसरे इलाकों में भेजा गया, जिससे यात्रा की दूरी, सुरक्षा, और शिक्षा में व्यवधान जैसी समस्याएं पैदा हुईं।
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अभिभावकों और बच्चों ने कई बार धरना-प्रदर्शन कर स्कूल बचाने की अपील की।
अब यह देखना अहम होगा कि सुप्रीम कोर्ट में यह मामला क्या मोड़ लेता है और क्या बच्चों को उनका शिक्षा का अधिकार लौटाया जा सकेगा या नहीं।