शिक्षक कर्मचारी संघर्ष समिति जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय, देवरिया में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध करेगा आंदोलन
जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय देवरिया में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ शिक्षकों एवं कर्मचारियों के अध्यक्ष महेन्द्र राय तथा सभी पदाधिकारियों द्वारा शिक्षकों/कर्मचारियों के लिए संघर्ष समिति करेगा आन्दोलन । महेन्द्र राय, अध्यक्ष-शिक्षक कर्मचारी संघर्ष समिति, देवरिया
संवाददाता, लखनऊ। अप्रैल माह से शिक्षण संस्थाओं का नया सत्र शुरू हो गया अधिसंख्य शिक्षक साथी एवं कतिपय प्रधानाचार्य ने अवगत कराया है कि जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में मार्च माह का वेतन एवं एरियर बिल पारित कराने में खुले रुप से पैसे का लेनदेन हुआ है, जो कार्यालय के कमीशन के मानक को पूरा नहीं किए उनका बिल नहीं पारित किया गया साथ ही जिन्होंने पैसा भी दिया उनका बिल कोषागार में नहीं भेजा गया। यहां तक कि आयोग से चयनित हिंदी प्रवक्ताओं के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक ने घोर अन्याय किया नवंबर माह से वेतन से वंचित है भुखमरी के कगार पर है किंतु जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा कोई ठोस निर्णय नहीं लिए जाने के कारण मानसिक रूप से पीडि़त है एवं आक्रोशित हैं। उक्त बात उमा शंकर लाल श्रीवास्तव पूर्व मंडलीय मंत्री उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ व डॉ महेंद्र राय अध्यक्ष शिक्षक कर्मचारी संघर्ष समिति देवरिया ने कही। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक साथियों का कहना सही है आपको याद होगा कि जब एक प्राइवेट संस्था द्वारा वेतन का कार्य किया जाता था तो वेतन बिल निकालने में आर्थिक उत्पीडऩ या जाता रहा है जिसके विरुद्ध संघर्ष समिति ने संघर्ष किया तो शिक्षा माफिया एवं कथित शिक्षक नेताओं ने घोर विरोध किया किंतु आंदोलन का परिणाम रहा कि प्राइवेट संस्था से हटाकर कार्यालय में लाया गया लेकिन दोनों गठजोड़ को अच्छा नहीं लगा। उन्होंने उनको भी अधिक शुल्क लेने का मंत्र दे दिया। जिला विद्यालय निरीक्षक के संज्ञान में रहते हुए भी आर्थिक उत्पीडऩ पर रोक नहीं लग सका। आज भी कार्यालय में पर्याप्त लिपिक रहते हुए दो व्यक्ति अनधिकृत रूप से कार्यालय में काम कर रहे हैं जो बिल निकालने से संबंधित कार्य उनको दिया गया है यह भी भ्रष्टाचार की जड़ में है। सारा खेल दलाल शिक्षा माफिया एवं कथित शिक्षक नेताओं के देखरेख में हो रहा है। आज पीडि़त शिक्षकों के आंसू पोछने के बजाय उन को हडक़ाया जाता है। सोनाली सोनाड़ी इंटर कॉलेज के शिक्षकों को आज तक न्याय नहीं मिल सका है। क्या कार्यालय में कोई कार्य बिना लेनदेन का हो रहा है। आपको अवगत कराना है की बोर्ड परीक्षा के केंद्र के निर्धारण के समय में कथित शिक्षक नेता सक्रिय हुए होते तो बदनाम केंद्र नहीं बना होता तो हमारा अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक जेल नहीं जाता। कहावत है कि अब पछताए होत क्या जब चिडिय़ा चुग गई खेत । जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के भ्रष्टाचार एवं उनके नियम विरुद्ध आदेश के विरुद्ध आंदोलन नहीं हुआ तो आने वाले समय में भ्रष्टाचार को और बढ़ावा मिलेगा। शिक्षक कर्मचारी संघर्ष समिति भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन करने के लिए कटिबद्ध है आपसे अपेक्षा है कि ऐसे नकारा एवं संगठन के नाम पर कार्यालय में दलाली करने वालों से सतर्क रहते हुए समिति को संबल प्रदान करें जिससे आंदोलन के माध्यम से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके।