बेरहम पिता की पिटाई से तपड़पता रहा बच्चा, चंद घंटों बाद मौत, जानें क्या थी वजह?

टनकपुर। उत्तरखंड के टकनपुर जनपद से एक बड़ी हैरान और परेशान करने वाली खबर सामने आई है। जिस सुनकर हर कोई दांतो तले उंगली दबा रहा है, और सोच में पड़ गया है कि कोई इंसान इतना गुस्सा क्यों करता है कि अपनों की ही जान ले ले। दरसअल सो नरेश ने नींद टूटने की वजह से झल्लाकर उठा और बच्चे के ऊपर लात-घूसों से प्रहार कर दिया जिसकी वजह से बच्चते के पेट में चोट आने के साथ-साथ उसकी चार पसलियां भी टूट गई। जब मां बीच-बचाव के लिए पहुंची तब तक बच्चे के मुंह से खून निकलने लगा था। बच्चे के पेट में अंदरूनी चोट आने के कारण उसमें बेहोशी छाने लगी थी। इसके बाद भी दरिंदे नरेश का दिल नहीं पसीजा और वह घायल बच्चे को तड़पता छोड़कर घर से भाग गया। इसके अलावा उसने पत्नी शबाना को भी घायल बच्चे को घर से बाहर या अस्पताल ले जाने पर जान से मारने की धमकी दे गया था।

पुलिस के अनुसार यह घटना बीते 29 अगस्त की सुबह करीब साढ़े चार बजे की है। शाम को करीब छह बजे जब दरिंदा वापस लौंटा तबतक बच्चे की आंखें बंद हो चुकी थीं। जब पत्नी शबाना की जिद की वजह से वह बच्चे को गोद में लेकर अस्पताल ले जाने लगा। लेकिन रेलवे क्रासिंग तक पहुंचते ही नरेश समझ चुका था कि अब मासूम सोनू जिंदा नहीं है। इस पर वह बच्चे का शव पत्नी शबाना को थमाकर मौके से भाग खड़ा हुआ। शबाना चिल्लाती रही कि ‘रोको-रोको हत्यारा भाग रहा है’ पर वह हत्थे नहीं चढ़ा। अस्पताल में चिकित्सकों ने सोनू की मौत की पुष्टि कर दी। शक होने पर पुलिस ने नरेश को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ शुरू की तो हत्यारोपी टूट गया और उसने राज उगल दिया।

 दरसअल नरेश शबाना का दूसरा पति था। पिटाई से मृत मासूम बच्चा शबाना के पहले पति का था जो नरेश को चुभता था और नरेश बच्चे पर जुर्म करता था। शबाना पहले पिता से रिश्ता टूटने के बाद दो मासूम बच्चों को फिर कभी भी पिता का प्यार नसीब नहीं हो पाया। पिता के समान ही बच्चों की परवरिश के वायदे कर नरेश शबाना के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रहा था लेकिन जिसके साथ वह रह रही है वह शख्स जल्लाद निकलेगा उसे पता नहीं था। वह बच्चों को अपने रास्ते से हटाने की फिराक में रहता था। जांच में सामने आया है कि शारदा खनन क्षेत्र में छानने का काम करने वाला नरेश आए दिन शराब के नशे में धुत रहता था। कुछ दिन पूर्व ही उसने शराब पीकर घर में उत्पात मचाया था। 

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