बेड खाली नहीं हैं… यह कहकर मरीजों को लौटा नहीं सकेंगे चिकित्सा संस्थान: ब्रजेश पाठक

लखनऊ।  उत्तर प्रदेश के चिकित्सा संस्थान बेड खाली नहीं हैं, कहकर मरीजों को अब लौटा नहीं सकेंगे। संस्थानों को खाली बेडों की संख्या सार्वजनिक करनी होगी। उन्हें डिस्प्ले बोर्ड लगाना होगा। इस पर विवरण देना होगा किस विभाग में कितने बेड खाली हैं और कितने भरे हैं। इसके अलावा खाली बेड की जानकारी ऑनलाइन भी बतानी होगी। उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक ने इस संबंध सख्त निर्देश दिए।

पाठक ने विधान भवन स्थित अपने कार्यालय में चिकित्सा संस्थानों की समीक्षा करते हुए विभिन्न इलाके से आने वाले मरीजों को इलाज की बेहतर सुविधा देने पर जोर दिया। उन्होंने मरीजों को टरकाने की प्रवृत्ति पर नाराजगी जताई। कहा, आए दिन शिकायत मिलती है कि संस्थान से मरीज को लौटा दिया गया। बाद में पता चलता है कि संबंधित संस्थान में बेड खाली रहते हैं। ऐसे में सभी संस्थान डिस्प्ले बोर्ड की व्यवस्था करें और उस पर खाली व भरे बेड की जानकारी दें। साथ ही ओपीडी में डॉक्टर से मिलने का समय भी डिस्प्ले बोर्ड पर दिखाया जाए।

उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में मौजूदा समय में उपलब्ध संसाधनों में ही जनता को बेहतर से बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। सरकार संस्थानों में बेड्स एवं मैनपावर बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, एसजीपीजीआई निदेशक प्रो. आरके धीमान, लोहिया संस्थान की निदेशक प्रो. सोनिया नित्यानंद, केजीएमयू कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. विपिन पुरी, सभी संस्थानों के सीएमएस, राजधानी के सभी अस्पतालों के निदेशक एवं सीएमएस आदि मौजूद रहे।

पूछताछ काउंटर पर जोर
ब्रजेश पाठक ने कहा कि रेफर होकर आने वाले मरीजों के साथ डॉक्टर, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टॉफ सौहार्दपूर्ण व्यवहार रखे। उन्हें रजिस्ट्रेशन के लिए किस काउंटर पर जाना है और जांच के लिए कहां, यह बताने के लिए पूछताछ काउंटर होना चाहिए।

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